New Delhi : भारत ने चीन को चेतावनी दी है – अगर बॉर्डर पर फौज बढ़ाने की कोशिश की तो न सिर्फ शांति प्रक्रिया पर असर पड़ेगा बल्कि दोनों देशों के संबंधों को भी नुकसान हो सकता है। पूर्वी लद्दाख में जल्द से जल्द अपनी गतिविधियां बंद करें। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में शुक्रवार को ऐसा कहा।
मिसरी ने कहा – बॉर्डर पर चीन के सैनिकों की हरकतों से दोनों देशों के संबंधों को लेकर भरोसा कम हुआ है। यह पूरी तरह चीन की जिम्मेदारी है कि वह रिश्तों को लेकर सावधान रहे और तय करे कि आगे क्या करना है? चीन को भारतीय सैनिकों की नॉर्मल पैट्रोलिंग में रोक-टोक नहीं करनी चाहिये।
Spot the differences between May 22 and June 22, 2020 on the INDIA-CHINA border. pic.twitter.com/nLZzc3fjuQ
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 27, 2020
मिसरी ने लद्दाख में गलवान वैली पर चीन के दावे को भी खारिज किया। उन्होंने कहा – इस तरह की झूठी बातों से चीन को कोई फायदा नहीं होगा। बॉर्डर पर हमारी तरफ से जो भी एक्टिविटीज होती हैं वे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हमारे इलाके में ही होती हैं। चीन को गैर-जरूरी एक्टिविटीज रोकने की जरूरत है। यह चौंकाने वाली बात है कि उन्होंने उस सेक्टर में भी हरकतें कीं जो कभी विवादों में नहीं था।
चीन के गलवान वैली पर दावे के जवाब में भारतीय राजदूत ने यह रिएक्शन दिया है। भारत में चीन के राजदूत सुन वेडॉन्ग ने गुरुवार को कहा था – बॉर्डर पर तनाव कम करने की जिम्मेदारी भारत की है।
China deployed army in 'large numbers' at disputed Himalayan border, says India's foreign ministry https://t.co/UVuMGYkore pic.twitter.com/iE4iOInoP1
— Al Jazeera English (@AJEnglish) June 26, 2020
इस पर मिसरी ने कहा- हमारी तरफ से यह साफ है कि अभी जो स्थिति बनी है उसके लिए चीन जिम्मेदार है। अप्रैल और मई में लद्दाख में एलएसी पर चीन की एक्टिविटीज बढ़ गई थीं, इससे हमारे जवानों को नॉर्मल पैट्रोलिंग में भी दिक्कतें हुईं और तनाव की स्थिति बनी।