बॉयकॉट चाइना : सस्ते कच्चे माल का चीनी ऑफर भी बेकार- डिफेंस इंडस्ट्री से ड्रैगन का पत्ता साफ

New Delhi : डिफेंस उत्पादों में देश के गढ़ कानपुर ने चीन का पत्ता साफ कर दिया है। यहां बनने वाली बुलेट प्रूफ जैकेट और बुलेट प्रूफ हेलमेट में चीन का कोई अंश शामिल नहीं है। जिंदगी से जुड़े इन बेहद संवेदनशील उत्पादों के लिये किसी तरह का समझौता तैयार करने को उद्यमी तैयार नहीं हैं। इसलिए महंगा होने के बावजूद अमेरिका और यूरोप की दिग्गज कंपनियों से उत्पाद लेते हैं। फिर अपने रिसर्च और डेवलपमेंट के दम पर उत्पादों की कीमत इस तरह कम करते हैं कि गुणवत्ता पर रत्तीभर फर्क नहीं पड़ता।

बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने के लिए सबसे पहले फाइबर या फिलामेंट का निर्माण किया जाता है जो वजन में हल्के लेकिन मजबूत होते हैं। पैरा-अरैमिड सिंथेटिक फाइबर जैकेट के निर्माण में बहुत जरूरी है। इसके अलावा डायनीमा फाइबर भी इस्तेमाल किया जाता है। केवलर मैटेरियल के अलावा वेकट्रैन मैटेरियल से भी बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट बनाये जाते हैं। बुलेटप्रूफ जैकेट में दो परतें होती हैं। ऊपर सेरेमिक परत और उसके बाद बैलेस्टिक परत। गोली सबसे पहले सेरेमिक परत से टकराती है। इसके आगे का नुकीला सिरा चूर-चूर हो जाता है और गोली की ताकत कम हो जाती है। सेरेमिक परत से टकराने पर गोली के टूटने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिसे बैलेस्टिक परत अवशोषित कर लेती है। ऐसा होने पर बुलेटप्रूफ जैकेट पहने सैनिक सुरक्षित रहते हैं।
उद्यमियों का कहना है कि इतनी अहम जैकेट व हेलमेट बनाने के लिए अमेरिकी व यूरोपीय कंपनियां भरोसेमंद हैं। चीन ने बेहद सस्ते कच्चे माल के लगातार ऑफर दिये लेकिन शहर के उद्यमी उनके झांसे में नहीं आये।

नाइट विजन डिवाइस बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, सेना से लेकर पैरा मिलिट्री फोर्स तक का अभिन्न अंग है। इसका पहले आयात होता था। एमकेयू ने इसे कानपुर में ही बना दिया। आज इस डिवाइस के निर्यात करने की स्थिति में आ गये हैं। वोकल फॉर लोकल के नारे को कानपुर की डिफेंस उत्पाद कंपनियां पहले ही साकार कर चुकी हैं।
एमकेयू लिमिटेड के राजेश गुप्ता ने कहा- बुलेट प्रूफ जैकेट और बुलेट प्रूफ हेलमेट के उत्पादन में हमारी रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम का अहम योगदान है। जरूरी रॉ मैटेरियल के लिये हम कभी चीन पर निर्भर नहीं रहे। यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियों से हमारे कारोबारी संबंध हैं। क्वालिटी के दम पर तमाम देशों को एक्सपोर्ट कर रहे हैं।

एनसीएफडी के एमडी मयंक श्रीवास्तव ने बताया- चीन पर हम कभी भरोसा नहीं करते। खास तौर पर डिफेंस जैसे संवेदनशील सेक्टर में तो कभी नहीं। इसीलिए बुलेट प्रूफ जैकेट से लेकर अन्य उत्पादों के लिए डेनमार्क और अमेरिका की कंपनियों से रॉ मैटेरियल की खरीद करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *