New Delhi : चीन अपनी कंपनियों के खिलाफ भारत के कड़े कदम और चीनी उत्पाद के खिलाफ माहौल से बौखलाया हुआ है। सीमा विवाद के बीच बीजिंग और दिल्ली दोनो जगहों पर चीन ने भारत के सामने अपनी कंपनियों के संरक्षण का मसला उठाया है। भारत ने कोई सीधा जवाब तो नही दिया है लेकिन चीन को साफ संकेत दिया गया है कि ताजा घटनाओं पर चीन का रुख द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करेगा।
Delhi Hotels & Restaurant Owners Association to boycott Chinese goods, not to provide any accommodation to Chinese nationals as mark of protest against recent Chinese aggression along Indian border
— Press Trust of India (@PTI_News) June 25, 2020
चीन एक तरफ सीमा पर भारत विरोधी साजिश रच रहा है दूसरी तरफ अपने व्यापार को लेकर दबाव बनाने की जुगत में है। चीन की कोशिश है कि वह भारत पर दबाव बनाकर उसे व्यापारिक गतिविधि सामान्य करने के लिए कहे। चीनी कंपनियां मिलकर विभिन्न स्तरों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही हैं।
भारत ने कोविड संकट के वक्त भी चीन को स्पष्ट किया था कि इस संकट से निपटने में सहयोग दोनो देशो के भावी संबंधों की दिशा तय करेगा। लेकिन कोविड के दौरान ही चीन ने नया फ्रंट खोल दिया। इससे व्यापार पर असर पड़ना तय है।
सूत्रों ने कहा जनमत चीन के खिलाफ है। ऐसे में गेंद पूरी तरह चीन के पाले में है। चीन अगर सीमा पर अपना रुख नही बदलता तो नए समझौतों के बजाय पुराने समझौतों को ही जारी रखना मुश्किल होगा।
#ApologiseFor75 Listen what our soldier deployed on china border had to say on how we can help them while residing in our home. I will do my bit spread this video so that other can also listen it. Jai Hind pic.twitter.com/CMassniOzn
— Indian Army Aficionado (@EnemySlayer24_7) June 25, 2020
सूत्रों ने बताया चीन की कम्पनी भारत मे एक साथ मिलकर अपने हितों के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रही हैं। पब्लिक ओपिनियन को मैनेज करने के लिए साझा सचिवालय बनाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन भारत के रुख से साफ है कि वह चीन के साथ अब व्यापार के मोर्चे पर भी कठोर तरीके से मोल तोल करने और चीनी बर्चस्व तोड़ने के लिए ठोस कदम उठाएगा। कई स्तरों पर इसकी शुरुआत हो चुकी है।