New Delhi : New Delhi : चीनी सैनिकों से तनाव के बीच आईटीबीपी के 4000 अतिरिक्त जवानों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया जा रहा है। लद्दाख की स्थिति को देखते हुए देश के विभिन्न क्षेत्र में अलग-अलग ड्यूटी कर रहे आईटीबीपी के जवानों को वापस बुलाया जा रहा है। आईटीबीपी सेना के साथ चीन से लगी 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। कराकोरम दर्रे से जाचेपला तक 180 से ज्यादा बार्डर गार्डिंग पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात किये जाते हैं। ये चेकपोस्ट लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में आती हैं।
#Gravitas | China is extending an olive branch to India, and has agreed to de-escalate at the LAC. But the war-mongering by the Chinese state media hasn't stopped. Is there any guarantee that China won't provoke India again? @palkisu gets you a report. pic.twitter.com/Iwe0szte7X
— WION (@WIONews) June 23, 2020
मंगलवार 23 जून को अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विभिन्न स्थानों पर 40 नई कंपनियों की तैनाती शुरू की है। ये सैनिक जल्द ही विभिन्न स्थानों पर गश्त और रक्षा का काम शुरू कर देंगे। सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने और अतिरिक्त गश्त के नये निर्देश के तहत भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) एसयूवी, घाटी में चलने वाले वाहनों, स्नो स्कूटर और ट्रकों जैसे अन्य संसाधनों को अग्रिम स्थानों के लिये भेज रही है।
Exclusive: #Chinese troops and tanks spotted at #LAC#IndiaChinaBorder #indiachinastandoff #india #China #galwanvalleyclash #Ladakh #Tibet
Link: https://t.co/5GPTVv9Mip pic.twitter.com/2GNkxsYo9R— Business Today (@BT_India) June 23, 2020
पर्वतों पर लड़ाई के लिए प्रशिक्षित करीब 4,000 जवानों की क्षमता वाली सभी इकाइयों को देश के विभिन्न इलाके में आंतरिक सुरक्षा की तैनाती से हटाया जा रहा है। आईटीबीपी की करीब 40 कंपनियों को हटाया गया है और लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश समेत विभिन्न क्षेत्रों में एलएसी के पास अलग-अलग स्थानों पर उन्हें एकत्र किया जा रहा है। अग्रिम इकाइयों को इन नयी टुकड़ियों के लिए क्वारैंटाइन सेंटर तैयार करने को कहा गया है क्योंकि वे मुख्य भू-भाग से आ रहे हैं और कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
दो सप्ताह के क्वारैंटाइन के दौरान इन सैनिकों के पास ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए तैयार होने का अवसर होगा, जहां पर तापमान शून्य से बहुत नीचे होता है और ऑक्सीजन का स्तर कम होता है। भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आये हैं।
Some Chinese living in #India said their businesses have been targeted for harassment by some right-wing Indian nationalists after border clash between China and India in #GalwanValley, calling for the two countries to rebuild mutual trust. https://t.co/xi6rgBoHcZ pic.twitter.com/TAgUzzvglc
— Global Times (@globaltimesnews) June 23, 2020
भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिये उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।