पुलिस पर सवाल- आखिर सुशांत का डिप्रेशन गुरुदत्त या दिव्या की तरह सिर्फ मोहब्बत से नहीं उभरा था

New Delhi : सुशांत सिंह राजपूत के मामले में अभी तक कोई मोटिव नजर नहीं आया है। बॉलीवुड में सेलेब किड्स को लेकर नेपोटिज्म और ऑउटसाइडर्स को लेकर होने वाली खेमेबाजी का विरोध जोर पकड़ने लगा है। कंगना रनोत ने सबसे ऊंची आवाज में सीधे करन जौहर को निशाना बनाया। इसके बाद दर्जन भर और भी लोग साथ खड़े हो गये। प्रीतीश नंदी कहते हैं कि बॉलीवुड में क्रूरता के लिये एक गैंग जिम्मेदार है। ये ऐसा गैंग है जो सब कुछ कंट्रोल करना चाहता है।

जानेमाने पत्रकार और पुराने क्राइम रिपोर्टर दीपक शर्मा ने पोस्ट कर लिखा है- सुशांत का डिप्रेशन, गुरुदत्त या दिव्या कि तरह, सिर्फ मोहब्बत के रंजो-गम से नहीं उभरा था। शायद इसीलिये मैं मुंबई पुलिस की जांच की अब तक की दिशा से सहमत नहीं हूँ। पुलिस ये साबित करना चाहती है कि सुशांत, अपनी फ्रेंड अंकिता लोखंडे से रिश्ते टूटने के बाद गहरे डिप्रेशन में चले गये थे। लेकिन मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन ज़ाहिर करते हैं कि सुशांत इस प्रेम कथा से भी पहले, अवसाद से दो-चार थे। सुशांत के मनोचिकित्सक से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि इस युवा अभिनेता के रिश्ते रिया चक्रवर्ती और कृति से भी थे। सूत्रों का कहना है कि अंकिता उनके सबसे करीब ज़रूर थीं, और उनसे दोस्ती खत्म होने का सुशांत पर असर भी पड़ा, पर इस अभिनेता की दोस्ती और भी कई अभिनेत्रियों से थी।

34 साल के एक्टर, और बॉलीवुड के अमूमन कम पढ़े लिखों की जमात में जीनियस कहे जाने वाले सुशांत सिंह राजपूत शायद डिप्रेशन में…

Posted by Deepak Sharma on Saturday, June 20, 2020

प्रेम के, मित्रता के बनते बिगड़ते रिश्तों की आड़ में अब पुलिस जांच की दिशा को उस रास्ते कि ओर नहीं बढ़ाना चाहती जहाँ से सुशांत को नीचे धकेला गया था। जिस रास्ते से सुशांत के चमकते करियर को एक अंधेरी गली दिखाई गयी। उन्हें मिलने वाले बड़ी फिल्मों के कई ऑफर, जहाँ एक एक करके खारिज करवाये गये। ऐसे रास्ते की ओर पुलिस अब बढ़ने से हिचकिचा रही है।
ऐसी ही प्रतिक्रियाएं रोज आ रही हैं। पुलिस भी प्रोफेशनल नैपोटिज्म और बॉयकाट वाले एंगल को खंगाल रही है और इसीलिये उसने सबसे ताकतवर कहे जाने वाले यशराज फिल्म्स से सुशांत के साथ किये कॉन्ट्रेक्ट के दस्तावेज ले लिये हैं। गुटबाजी, नैपोटिज्म और बॉयकॉट जैसे शब्द अटके और नये प्रोजेक्ट्स पर भारी न पड़ जाये इसके लिए बकायदा कई जगह से ये मैसेज भिजवाये जा रहे हैं कि सुशांत ने डिप्रेशन के कारण ऐसा कदम उठाया, उनके पास काम की कोई कमी नहीं थी।

बहरहाल सुशांत सिंह राजपूत काफी टैलेंटेड थे। उन्हें बहुत जल्दी नेम फेम मिल गया था। उन्हें बाहर की फिल्में भी काफी मिल रही थी परन्तु एग्रीमेंट के चलते ये साइन नहीं कर पा रहे थे। पेशेवर गुटबाजी के कारण वे डिप्रेशन में आ गये थे और आरोप लग रहे हैं कि उन्हें 7 फिल्मों से निकाला गया था और दो फिल्में रिलीज नहीं होने दी गईं। और इसके जिम्मेदार थे ये गैंगबाज। सुशांत प्रकरण के बाद यह बात साफ हो गई है कि बड़े प्रोडक्शन हाउसेज में टैलेंट की मारामारी है। जिनके पास जितना बड़ा टैलेंट, उसके बैनर की फिल्म या वेब शो की उतनी बड़ी कीमत।
फिल्म क्रिटिक नरेंद्र गुप्ता कहते हैं- पिछले कई सालों में नेपोटिज्म बहुत हावी हुआ है जो कुछ 5 – 6 बैनरों में सिमट गया है। अगर आप इन बैनरों से जुड़े लोगों की चमचागिरी ना करो, उनके हां में हां न मिलाओ तो ये लोग आपको इंडस्ट्री में नहीं रहने देते हैं। ये इस इंडस्ट्री की सच्चाई है। सुशांत डिप्रेशन में थे इसमें कोई शक नहीं हैं। उनके डिप्रेशन की वजह थी, उन्हें फिल्में ना मिल पाना। एक आर्टिस्ट जिसे ‘एम.एस. धोनी’ और ‘छिछोरे’ जैसी दो बड़ी फिल्में दी हो और उसके बाद उनके पास एक भी फिल्म ना होना, ये आश्चर्य की बात है। छिछोरे के बाद जो उन्होंने फिल्में साइन की थीं वो उनके हाथों से क्यों निकल गईं, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

इसी बीच सलमान ने एक ट्वीट करते हुए अपने फैंस से सुशांत के फैंस का साथ देने और उनका विरोध नहीं करने की अपील की है। शनिवार रात किए अपने ट्वीट में सलमान ने लिखा- मेरे सभी प्रशंसकों से अनुरोध है कि वे सुशांत के फैन्स के साथ खड़े रहें और उनकी भाषा और अपशब्दों पर ध्यान ना दें, बल्कि इसके पीछे की भावनाओं को समझें। कृपया उनके परिवार और फैन्स का समर्थन करें और उनके साथ खड़े रहें, क्योंकि किसी प्रियजन का जाना बेहद दर्दनाक है।

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