New Delhi : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार रात कोरोना संक्रमण के बहाने चीन पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने सार्स-कोव-2 वायरस को ‘कुंग फ्लू’ करार देते हुए चीन को इसे दुनियाभर में फैलाने के लिये जिम्मेदार ठहराया। ‘कुंग फ्लू’ को ‘कुंग फू’ से जोड़कर देखा जा रहा है, जो एक चीनी मार्शल आर्ट है। ओकलाहोमा में टुल्सा रैली के जरिये तीन महीने बाद प्रचार मैदान में उतरे ट्रंप ने कहा- कोविड-19 एक ऐसा संक्रमण, जिसके अतीत में फैल चुकी किसी भी बीमारी से ज्यादा नाम हैं। मैं इसे ‘कुंग फ्लू’ पुकार सकता हूं। मैं इसे 19 अलग-अलग नाम दे सकता हूं। कई लोग इसे संक्रामक रोग कहते हैं। कई फ्लू करार देते हैं। क्या फर्क पड़ता है। मुझे लगता है कि कोरोना के 19-20 नाम तो होंगे ही।
Trump calls the coronavirus "Kung flu" and then says, "many call it a flu." (Nobody with a working brain says that.) pic.twitter.com/2Wlmv7L4na
— Aaron Rupar (@atrupar) June 21, 2020
ट्रंप इससे पहले कोरोना को ‘वुहान वायरस’ कहते आये हैं। रैली में ट्रंप ने अमेरिका में जानबूझकर कोरोना जांच की रफ्तार धीमी करने का खुलासा किया। उन्होंने कहा- अमेरिका ने ढाई करोड़ लोगों की कोरोना जांच की, जो किसी भी अन्य देश से ज्यादा है। जब आप इस हद तक जांच करते हैं तो आपको ज्यादा संक्रमित मिलना तय है। इसलिए मैंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि कृपया जांच की गति घटा दें।
ट्रंप ने कोरोना संकट के बावजूद अमेरिकी अर्थव्यवस्था के अच्छे दौर में होने का दावा किया। उन्होंने कहा – रोजगार सृजन के मामले में देश में नये रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं। 17 ऐसे प्रांत हैं, जहां क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले बढ़ी है। अमेरिका में अप्रैल में बेरोजगारी दर 14.7 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो 1948 के बाद सर्वाधिक है।
ट्रंप ने ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शनकारियों के श्वेत नेताओं की प्रतिमा से तोड़फोड़ की निंदा की। उन्होंने कहा – अमेरिका अपने इतिहास को नष्ट करने की इजाजत नहीं देगा। ट्रंप ने अमेरिकी ध्वज को जलाने की कोशिश करने वालों को एक साल जेल की सजा देने की चेतावनी भी दी। उधर, रैली स्थल के बाहर जुटे नस्लभेद विरोधी प्रदर्शनकारियों और ट्रंप समर्थकों के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के नारे लगाते हुए यातायात बाधित करने का प्रयास भी किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने नवंबर में प्रस्तावित चुनाव को ‘राष्ट्रीय धरोहर’ और ‘कट्टरपंथ’ के बीच में से किसी एक के चयन का अवसर करार दिया। हालांकि, टुल्सा रैली के जरिये सियासी ताकत दिखाने की उनकी कोशिश कुछ खास सफल नहीं हुई। कोरोना संक्रमण, बढ़ती बेरोजगारी और नस्लभेद को लेकर नाराजगी के चलते उम्मीद से बेहद कम समर्थक जुटे। एक-तिहाई सीटें खाली नजर आईं। बाद में ट्रंप ने ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शनकारियों पर समर्थकों को रैली में आने से रोकना का आरोप लगाया।