New Delhi : लद्दाख में चीनी सैनिकों से तनाव के बीच आईटीबीपी के 2000 अतिरिक्त जवानों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया जा सकता है, ताकि निगरानी को मजबूत किया जा सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। लद्दाख की स्थिति को देखते हुए देश के विभिन्न क्षेत्र में अलग-अलग ड्यूटी कर रहे आईटीबीपी के जवानों को वापस बुलाया जा रहा है।
Additional 2,000 ITBP troops may be sent to India-China border https://t.co/W2C0TLbwLS
— Indian Defence (@IndiaDefNetwork) June 20, 2020
आईटीबीपी सेना के साथ चीन से लगी 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। कराकोरम दर्रे से जाचेपला तक 180 से ज्यादा बार्डर गार्डिंग पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात किये जाते हैं। ये चेकपोस्ट लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में आती हैं।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच गतिरोध कम करने के प्रयासों के बीच सोमवार 15 जून को गलवान घाटी में तीन घंटे तक दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष के बाद भारतीय सेना को यह बदलाव करना पड़ा है। भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आये हैं।
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— ZEE HINDUSTAN (@Zee_Hindustan) June 20, 2020
भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिये उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।