New Delhi : सीमा विवाद के बीच पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों में तनाव चरम पर है। बहरहाल भारत ने गलवान घाटी पर चीन के दावे को फिर से खारिज कर दिया है। शनिवार 20 जून को विदेश मंत्रालय ने कहा – गलवान घाटी को लेकर पॉजिशन ऐतिहासिक तौर पर स्पष्ट है। चीन की तरफ से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर असमर्थनीय दावे को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। गलवान पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है।
The Indian side has never undertaken any actions across the LAC. In fact, they have been patrolling this area for a long time without any incident. All infrastructure built by the Indian side is naturally on its own side of the LAC: MEA #GalwanValleyFaceOff
— ANI (@ANI) June 20, 2020
विदेश मंत्रालय ने कहा – मई की शुरुआत से ही चीनी पक्ष इस क्षेत्र में भारत की सामान्य गश्त प्रक्रिया में बाधा डाल रहा है। गलवान घाटी में हुई सैन्य हिंसा को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के 19 जून को दिये बयान के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा – भारतीय सैनिक गलवान घाटी समेत वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत-चीन सीमा पर सभी सेक्टरों से भली-भांति वाकिफ हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा – मई की शुरुआत से ही वहां पर भारत की तरफ से की जा रही पेट्रोलिंग में बाधाएं खड़ी की जा रही थी। जिसका नतीजा स्वरूप टकराव हुआ, जिसे कमांडर की स्तर बैठक में सुलझाया गया था। मंत्रालय की तरफ से आगे कहा गया- हम इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते कि भारत एकतरफा स्थिति बदला रहा था, बल्कि हम तो उसे बरकरार रख रहे थे।
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— India.com (@indiacom) June 20, 2020
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार जाकर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है। हकीकत ये है कि वे सभी बिना किसी घटना के लंबे समय से पेट्रोलिंग करते आ रहे हैं। भारत की तरफ से किए जा रहे सभी निर्माण वास्तविक नियंत्रण रेखा के अंदर उसकी अपनी सीमा में हो रहे हैं।