New Delhi : दुन्दिगल में स्थित इंडियन एयरफोर्स एकेडमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड हुई। इस दौरान चीन पर एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा – किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम अच्छी तरह से तैयार हैं। मैं देश को भरोसा देता हूं कि हम जवाब देने में सक्षम हैं। गलवान में हमारे जवानों की शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे।
भदौरिया ने कहा – हमारे जवानों ने बहादुरी दिखाई। उससे हमारा ये संकल्प पता चलता है कि हम किसी भी कीमत पर देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। एकेडमी में 123 अफसरों की पासिंग आउट परेड हुई। इनमें 19 महिला अफसर शामिल थीं। एकेडमी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब कैडेट्स के पैरेंट्स प्रोग्राम में शामिल नहीं हुए, क्योंकि कोरोना की वजह से परमिशन नहीं थी। एयरफोर्स की अलग-अलग ब्रांच के कैडेट्स की प्री-कमीशनिंग ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड होती है।
#WATCH – It should be very clear that we are well prepared and suitably deployed to respond to any contingency. I assure the nation that we are determined to deliver and will never let the sacrifice of the braves of Galwan go in vain: IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria pic.twitter.com/EkoyK07qGU
— ANI (@ANI) June 20, 2020
इधर अमेरिका ने ड्रैगन पर जमकर निशाना साधा है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा – चीन अपने पड़ोसियों के साथ धूर्त रवैया अपना रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने डेनमार्क के कोपेनहेगन में आयोजित लोकतंत्र पर आयोजित एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में कहा – पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (चीनी सेना) ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ सीमा पर तनाव पैदा कर दिया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा – इसके अलावा चीनी सेना चीन सागर में सैन्यीकरण और वहां के ज्यादा क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जे का दावा कर रहा है। सवालों के जवाब के दौरान पोम्पिओ ने कहा – दुनिया के लोकतांत्रिक और स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों को चीन से निपटने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहा – शी जिनपिंग ने चीनी मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए एक क्रूर अभियान को हरी झंडी दी हुई है। ऐसा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कभी नहीं देखा गया था। अब, पीएलए ने भारत के साथ सीमा तनाव बढ़ा दिया है।
चीन पर निशाना साधते हुए पोम्पिओ ने कहा – चीन अमेरिका और यूरोप के बीच एक अभियान को चलाने के लिए गलत जानकारी और साइबर अभियानों को चलाने के लिए जिम्मेदार था। चीन ने कोरोना वायरस को लेकर झूठ बोला, जिसमें उनकी मदद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की। वायरस के चलते हजारों लोगों की जान गई और अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगा, लेकिन चीन ने जानकारी देने से इनकार करते हुए किसी और देश के वैज्ञानिकों को जांच करने की इजाजत नहीं दी।