New Delhi : चीन ने शुक्रवार की देर रात फिर गलवान घाटी को अपना बताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने कहा – गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से हमारी तरफ है। भारतीय सैनिक यहां पर जबरन रोड और ब्रिज बना रहे हैं। चीन के अलग-अलग अफसरों ने चार दिन में पांचवीं बार कहा कि 15 जून की शाम को भारतीय सैनिकों ने समझौते को तोड़ते हुए जानबूझकर एलएसी को पार किया।
लिजियन ने कहा – 15 जून की घटना के लिए भारत जिम्मेदार है। गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आता है। कई सालों से वहां चीनी गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
China's FM revealed the timeline of the continuous provocative actions taken by Indian border troops at #GalwanValley. China demands #India conduct a thorough investigation into the incident and strengthen communication with China for maintaining peace and stability at the border pic.twitter.com/UG60Mi3kCF
— Global Times (@globaltimesnews) June 20, 2020
इधर सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – हमने अपनी सेनाओं को कदम उठाने की पूरी छूट दे रखी है। हमारी एक इंच जमीन पर भी कोई नजर नहीं डाल सकता। हमारी सीमा में किसी ने घुसपैठ नहीं की और न ही चीन ने हमारी किसी पोस्ट पर कब्जा किया। जिन्होंने भारत माता को चुनौती दी थी, उन्हें जवान सबक सिखाकर गये हैं। उनके शौर्य को पूरा देश याद रखेगा। उनके बलिदान से सभी आहत हैं। यह भावना इस बैठक में भी जाहिर हुई है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने 19 जून को कहा था- सही क्या है और गलत क्या है, यह एकदम साफ है। जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी भारत की है। भारत-चीन बातचीत कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने 18 जून को कहा था- भारतीय फ्रंट-लाइन के सैनिकों ने समझौता तोड़ा और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार कर उकसाया और अफसरों-सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद ही झड़प हुई और जान गई। भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाये और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की इच्छाशक्ति को कमजोर करके न देखे।
17 जून को झाऊ लिजियन ने कहा – गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के हिस्से ही रही है। भारतीय सेना ने बॉर्डर प्रोटोकॉल तोड़ा। उन्होंने न केवल सीमा का उल्लंघन किया, बल्कि कमांडर लेवल की बातचीत का भी ध्यान नहीं रखा।
More trade barriers reportedly considered by #Indian authorities primarily targeting Chinese imports are less likely to materialize, as they tend to exacerbate the fallout of a #boycott campaign in India’s push to become a manufacturing power: observers https://t.co/pddGxCVPPS pic.twitter.com/nsOheAUSFv
— Global Times (@globaltimesnews) June 19, 2020
इससे पहले 16 जून को दोपहर करीब 1 बजे झड़प की खबर दुनिया के सामने आई थी। इसके बाद, चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।