New Delhi : 21 जून को होने वाला कंकणाकृति ‘वलयाकार’ सूर्यग्रहण सम्पूर्ण भारत में दिखाई देगा। 21 जून को होने वाले सूर्यग्रहण का सुबह 9 बजकर 16 मिनट 1 सेकेंड बजे शुरू होगा, इसकी मध्य स्थिति मध्यांह 12 बजकर 10 मिनट पर होगी। सूर्य ग्रहण की समाप्ति दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर होगी। यह वलयाकार ‘कंकणाकृति’ सूर्यग्रहण है। पूर्णता की स्थिति में सूर्य 98.6 प्रतिशत ढंक जाएगा। पूर्णता की अवधि ०1 मिनट 17 सेकंड होगी।
New Moon, Solar Eclipse & Summer Solstice All Within 24 Hrs – Massive Energy Reset! https://t.co/l9ZvvH8KwA via @wordpressdotcom
— Symeonidou Effie (@EffieSymeonidou) June 18, 2020
भारत के कुरूक्षेत्र, चमोली, देहरादून, जोशीमठ, सिरसा, सूरतगढ़ में कणिका ग्रहण देखा जायेगा। इसके अलावा इस ग्रहण को अफ्रीका (पश्चिम-दक्षिण भाग को छोड़कर) दक्षिण और पूर्वी यूरोप, मध्यपूर्व एशिया (उत्तरी-पूर्वी रूस को छोड़कर), इंडोनेशिया में देखा जाएगा।
सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में आंशिक सूर्यग्रहण ही दृश्य होगा। उज्जैन में सूर्य ग्रहण का प्रारम्भ प्रात: 10० बजकर 10 मिनट पर होगा, इसकी मध्य स्थिति प्रात: 11 बजकर 52 मिनट पर होगी तथा समाप्ति दोपहर1 बजकर 42 मिनट पर होगी। इस प्रकार यहां 3 घण्टे 31 मिनट तक आंशिक सूर्यग्रहण दृश्य होगा। उज्जैन में सूर्य का 74.3 प्रतिशत भाग ढका रहेगा। उन्होंने बताया कि कोविड 19 की सुरक्षा एवं प्रशासन के निदेर्शानुसार यह सूर्य ग्रहण वेधशाला में दिखाई नही जा सकेगा।
India to witness Annular #SolarEclipse on 21 June
2020 will witness 6 #Eclipses: 4 Lunar, 2 Solar
Join @NSCMumbai's special lecture on
'Enchanting Eclipses : Science, Myth & Culture'
by
Prof. Vahia, Dean, School of Mathematical Sciences, @NMIMSMumbai📅: 19 June
🕔: 5 PM pic.twitter.com/C6QnW5offW
— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) June 16, 2020
ज्योतिषाचार्यों और वैज्ञानिकों के अनुसार यह ग्रहण आषाढ़ अमावस्या, 21 जून को वलयाकार यानी फायर रिंग के रूप में दिखेगा। कुछ विद्वान इसे चूड़ामणि का भी नाम दे रहे हैं। माना जा है कि ग्रहण जैसे जब कोई बड़ी घटना घटती है तो ज्योतिष विचार में बताए गए विधानों के अनुसार इंसान की सभी 12 राशियों पर इसका कुछ प्रभाव भी देखने को मिलता। कुछ राशि के जातकों के लिए यह प्रभाव सकारात्मक तो कुछ राशियों के लिए ये प्रभाव नकारात्मक भी हो सकते हैं।