बोले नवाज- मैं अर्से तक ठीक से खाना नहीं खा सका, जान जानेवाली थी और सफलता खुशी की गारंटी नहीं

New Delhi : डिप्रेशन पर बात करते हुये नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा- एक समय मैं भी डिप्रेशन में चला गया था। कोई काम नहीं हुआ करता था। हालत यह थी कि खाने तक के पैसे नहीं थे। इस वजह से डिप्रेशन का शिकार हो गया। एक इंटरव्यू के दौरान नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा – मैं हमेशा से मजदूरों की तरह मेहनती और लड़ने वाला स्वभाव का रहा हूं। मुझे नहीं लगता है कि मैं उनसे ज्यादा कुछ हूं। मेरे इरादे भी उन्हीं की तरह थे। मैंने कभी स्टार बनने का सपना नहीं देखा। मेरा इरादा सिर्फ जीवन यापन करना और खाने के लिये कमाई करना था।

इंटरव्यू में नवाजुद्दीन ने कहा- ऐसा 10 सालों तक चलता रहा। मैंने अजीब तरह की नौकरियां कीं और खाने के लिये दोस्तों के घर पहुंच जाया करता था। वह बहुत मुश्किल दौर था, लेकिन हम तब भी बहुत खुश थे। लेकिन हां, उस समय मैंने काम न मिलने की वजह से तनाव महसूस किया था। जब आपके सपने बड़े होते हैं तभी डिप्रेशन और फ्रस्टेशन शुरू हो जाता है।
उन्होंने कहा – जब लोग कोई बड़ा चैलेंज स्वीकार करते हैं तो वे डिप्रेशन महसूस करने लगते हैं। ऐसा नहीं होगा अगर आप खुद को तनाव नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि सफलता खुशी की गारंटी नहीं लेता है। अगर खुशी आपके नेचर में नहीं है तो आप कभी खुश नहीं रह सकते हैं भले ही आपके पास पूरी दुनिया हो।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने आगे बताया – ठीक से खाना न खाने की वजह से मैं काफी कमजोर हो गया था। यहां तक कि मेरे बाल तक गिरने शुरू हो गए थे। मैं 2 किलो मीटर चलने के बाद थक जाया करता था। उस वक्त मुझे ऐसा लगता था जैसे मेरी जान कभी भी चली जायेगी। इस वजह से मैं पूरे दिन घर से बाहर की दुनिया देखने के लिये घूमा करता था, क्योंकि पता नहीं था कि मैं कितने दिन जीने वाला हूं।

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