ओवैसी ने ठोंकी ताल- सरकार इसका बदला ले, कैप्टन बोले- हम कमजोर दिखे तो चीन आक्रामक होगा

New Delhi : भारत-चीन सीमा पर झड़प की खबरों के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हाई लेवल मीटिंग की है। इस दौरान चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा की गई है। सेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा – गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के जवानों के पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात को झड़प हुई। सैन्य सूत्रों के मुताबिक चीन ने भी तीन सैनिक गंवाये हैं।

इधर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुये कहा – सरकार इसका बदला ले और शहीदों का बलिदान व्यर्थ ना जाने पाये। ओवैसी के अलावा भी तमाम विपक्षी नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके कहा- आज गलवान घाटी में जान गंवानेवाले तीन बहादुर जवानों के साथ पूरा भारत खड़ा है। मैं कर्नल और दो वीर सिपाहियों के परिवार के लिए प्रार्थना करता हूं। सरकार को इसका बदला लेना चाहिये और यह सुनिश्चित करना चाहिये कि बलिदान व्यर्थ ना जाये।

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करके कहा- भारत सरकार के लिए यह सख्त रवैया अपनाने का समय है। हमारी तरफ से कमजोरी का एक भी संकेत चीन की प्रतिक्रिया को आक्रामक बनाता जायेगा। पूरे देश के साथ-साथ मैं भी वीर जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं। देश आपके शोक में आपके साथ खड़ा है।

बता दें- लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गये। भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारी लद्दाख में तनाव कम करने के लिये बैठक कर रहे हैं। बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने सेना के वरिष्ठ नेतृत्व से झड़प के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आगे की योजना पर चर्चा की। बैठक में इस घटना के बाद उत्पन्न स्थिति से संबंधित तमाम पहलुओं पर बातचीत की गई। सेना ने यह भी स्पष्ट किया है कि झडप के दौरान फायरिंग नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि गालवन वैली में झड़प के बाद भारत के 32 जवान लापता हो गये थे। ज्यादातर अपने बेस पर लौट आये, लेकिन 4 अब भी लापता हैं। सेना या सरकार की तरफ से इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। पहले माना जा रहा था कि लापता हुये लोग सेना के जवान नहीं, बल्कि रोड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स हैं।

सेना के सूत्रों के मुताबिक, चीन ने ही सुबह 7:30 बजे मीटिंग की पेशकश रखी। इसके बाद से मेजर जनरल लेवल की बातचीत चल रही है। सीडीएस बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख और विदेश मंत्री जयशंकर के साथ लंबी मीटिंग के बाद राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर पहुंचे। राजनाथ ने लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प पर प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

इधर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प पूरे वर्ल्ड मीडिया की सुर्खियों में है। न्यूयॉर्क टाइम्स, अलजजीरा, द गार्जियन, बीबीसी, सीएनएन और वॉशिंगटन पोस्ट ने इस घटना को सुर्खियों में जगह दी है। सीएनएन ने कहा कि यह घटना गेमचेंजर हो सकती है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने लिखा कि बॉर्डर पर हिंसक झड़प के बाद रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया।

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