New Delhi : चीन और पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है। मौजूदा वक्त में चीन के पास 320 और पाकिस्तान के पास 160 परमाणु हथियार हैं। भारत के पास 150 परमाणु हथियार हैं। यह रिपोर्ट स्वीडन के थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने (सिपरी रिपोर्ट 2020) जारी की है। इसमें उन देशों का जिक्र है, जिनके पास आधिकारिक तौर पर परमाणु हथियार हैं।
दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का 90 फीसदी हिस्सा रूस और अमेरिका के पास है। दोनों देश पुराने हथियारों को खत्म कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले साल एटमी हथियारों की संख्या में कमी देखी गई। हालांकि, फिक्र की बात यह है कि पुराने की जगह यह दोनों देश नये एटमी हथियार बना रहे हैं।
India is doing to Pakistan exactly what USA did to USSR during Cold War. Arms race with India is seriously damaging Pakistan. It knows that help from China will always come at a great cost and Pakistan is willing to pay that price with its future. 1/2
https://t.co/rrRBf7XCIX— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) June 16, 2020
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 से 2019 के बीच हथियारों की खरीद-फरोख्त 5.5 फीसदी बढ़ी। 2018 में सैन्य सुविधाओं पर करीब 1917 बिलियन डॉलर (145 लाख करोड़ रु.) खर्च हुए थे। यह 10 साल में सबसे ज्यादा खर्च है। उत्तर अफ्रीकी देशों ने 2019 के मुकाबले इस साल अपनी सैन्य सुविधाओं पर 67% फीसदी रकम ज्यादा खर्च की।
चीन एटमी ताकत बढ़ाने में जुटा है। इसके लिए जमीन, हवा और समंदर से हमला करने वाली नई मिसाइलें तैयार कर रहा है। इतना ही नहीं, वो कुछ ऐसे फाइटर जेट्स भी तैयार कर रहा है जो एटमी हमला कर सकें। चीन पहले एटमी ताकत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देता था। लेकिन, कुछ साल से उसने परमाणु हथियारों और भविष्य की योजनाओं की कुछ जानकारी दुनिया को दी है।
सिपरी के मुताबिक, 9 देशों के पास एटमी हथियार हैं। कुल मिलाकर इस वक्त इन देशों के पास 13 हजार 400 परमाणु हथियार (न्यूक्लीयर वॉरहेड्स) मौजूद हैं। 6 हजार 375 हथियारों के साथ रूस पहले पायदान पर है। 30 से 40 हथियारों के साथ उत्तर कोरिया सबसे निचले पायदान पर है। अमेरिका के पास 5800, फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 215, चीन के पास 320, पाकिस्तान के पास 160 और भारत के पास 150 एटमी हथियार हैं।