New Delhi : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) में कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर भारत ने सोमवार को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारत ने पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकने को कहा। इस बात पर चिंता जताई कि राज्य प्रायोजित नरसंहार करने वाला देश किस तरह दूसरों पर आरोप लगाने का दुस्साहस कर सकता है। भारत ने उदाहरण देकर बताया कि किस तरह पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून से अल्पसंख्यकों को आतंकित किया जा रहा है।
'Pak terrorises minorities with systematic use of blasphemy': India slams Pak for raising Kashmir at UNHRC.https://t.co/NdPiCANfge
— TIMES NOW (@TimesNow) June 16, 2020
यूएनएचआरसी के 43वें सत्र में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाये जाने पर राइट टु रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुये भारत के स्थायी मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने कहा कि पाकिस्तान फोरम का गलत इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी देश दूसरों को अनचाही सलाह देने से पहले अपने देश में मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति का आत्म-निरीक्षण करे।
पाकिस्तान में मानवता के खिलाफ हो रहे अपराधों की ओर काउंसिल का ध्यान खींचते हुए भारत ने कहा – बलोचिस्तान में लोगों को गायब कर देना, राज्य हिंसा, लोगों को पलायन के लिए मजबूर करना, राज्य द्वारा लोगों की हत्याएं, सैन्य ऑपरेशन, डिटेंशन सेंटर और मिलिट्री कैंप्स आम बात है।
यह दोहराते हुये कि पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने का कोई बाहरी प्रभाव नहीं है, कुमार ने कहा – शांति और समृद्धि को पटरी से उतारने की पाकिस्तान की नापाक कोशिश के बावजूद लोग आगे बढ़ चुके हैं।
भारत ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने पहले की तरह मानवाधिकार आयोग और इसके तंत्र का गलत इस्तेमाल कर रहा है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि साउथ एशिया में राज्य प्रायोजित नरसंहार करने वाला एक मात्र देश दूसरों पर आरोप लगाने का दुस्साहस करता है। भारत ने आगे कहा- सवाल यह है कि एक देश जिसके साख पर गंभीर संकट है वह मानवाधिकार की बात करेगा।
यह देश धार्मिक कट्टरवाद और खून-खराबे से निकला और इसके इतिहास में हत्याओं, तख्तापलट और कठपुतलियों का खेल (पाक सरकार सेना की कठपुलती) है। कुमार ने बताया – किस तरह पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है। किस तरह पाकिस्तान में ईशनिंदा के जरिये अल्पसंख्यकों को आतंकित किया जा रहा है।
India exercises its right of reply in response to statement by Pakistan at UNHRC https://t.co/xnkK4YDhqI pic.twitter.com/kVzStUgwby
— Economic Times (@EconomicTimes) June 16, 2020
कुमार ने कहा- पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के सिस्टमेटिक दुरुपयोग ने अल्पसंख्यकों को आतंकित किया है। हाल में सिंध में दो हिंदू लड़कियां, लाहौर में एक ईसाई लड़की, चालेकी में एक अहमदी महिला और खैरपुर में दो प्रफेसर इस बात के उदाहरण हैं कि किस तरह पाकिस्तान में इस कानून से अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।