17 साल बाद गांव गये थे सुशांत, अगले दिन ननिहाल जाकर मुंडन कराया था, कहा था- हर साल आऊंगा

New Delhi : सुशांत सिंह राजपूत मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और कुछ दिन पहले अपने पैतृक घर भी आये थे। वह मूल रूप से पूर्णिया के बड़हरा कोठी के मलडीहा के रहने वाले थे। पिछली बार जब वह अपने गांव आये थे तो उन्होंने एक पारिवारिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। 13 मई 2019 को 17 साल बाद वे अपने पैतृक गांव पूर्णिया के मलडीहा पहुंचे थे। एक झलक पाने के लिए पूरा गांव उनके घर इकट्ठा हो गया था। सुशांत न सिर्फ सभी से शालीनता से मिले, बल्कि हर किसी के साथ बारी-बारी से फोटो भी खिंचवाई। गांव के अलावा आसपास के जिलों से भी लोग सुशांत से मिलने पहुंचे थे।

गांव के लोग बताते हैं कि सुशांत ने हमसे वादा किया था – मौका मिला तो गांव के लिए जरूर कुछ बड़ा काम करेंगे। उन्होंने सभी से यह आग्रह किया था – गांव के युवाओं को आगे बढ़ाएं। वे हर कदम पर अपने साथियों का साथ देंगे। हमेशा गांव आते रहेंगे और लोगों से मिलेंगे। पूरा गांव स्तब्ध है। लोग बताते हैं कि सुशांत जिस तरह लोगों से मिले थे, ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह फिल्म स्टार बन चुके हैं। संस्कार बिल्कुल नहीं भूला और हमेशा जमीन से जुड़ा रहा।
सुशांत के गांव के रहने वाले सुनील ने बताया – वे जब आए थे तो हमारे साथ खेत पर गए थे। हम लोगों ने दिनभर मस्ती की। ऐसा लगा ही नहीं कि हम चार-पांच घंटे इतने बड़े फिल्म स्टार के साथ हैं। सुशांत ने फिल्मी दुनिया में भले एक पहचान बना ली थी लेकिन, हमलोगों के साथ उनका व्यवहार बिल्कुल नहीं बदला।

गांव के लोग बताते हैं कि उन्होंने सुशांत की सभी फिल्में देखी हैं। लेकिन, उन्हें सबसे ज्यादा मजा धोनी की बायोपिक पर बनी फिल्म में आया। सुशांत की एक रिश्तेदार ने बताया – उसने वादा किया था कि हमेशा आकर मिलेगा…यह इंतजार अब कभी पूरा नहीं होगा। हमने एक बेटा खो दिया।

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