मोदी सरकार की ब्रिटेन से दो टूक- भगोड़े विजय माल्या के शरण देने के अनुरोध को बिल्कुल ना सुनें

New Delhi : भारत ने ब्रिटेन से भगोड़े व्यापारी विजय माल्या के शरण के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करने के लिए कहा है, क्योंकि देश में उसके उत्पीड़न के लिए कोई आधार है। पिछले सप्ताह ब्रिटेन की सरकार ने संकेत दिया था कि माल्या को जल्द भारत को प्रत्यर्पित करने की संभावना नहीं है। ब्रिटेन सरकार ने कहा था – उसके प्रत्यर्पण की व्यवस्था करने से पहले एक कानूनी मुद्दे का समाधान करने की जरूरत है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा – हम उसके जल्द प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश पक्ष के साथ सम्पर्क में हैं। हमने ब्रिटिश पक्ष से यह भी अनुरोध किया है कि यदि उसके द्वारा शरण के लिए कोई अनुरोध किया जाता है तो उस पर विचार नहीं किया जाए क्योंकि भारत में उसके उत्पीड़न का कोई आधार नहीं है।

पिछले महीने माल्या की, धन शोधन और जालसाजी के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में की गई अपील खारिज हो गई थी। श्रीवास्तव ने कहा – ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में माल्या की अपील खारिज होने के बाद से भारत ब्रिटेन के संपर्क में है।
ब्रिटेन के उच्चतम न्यायानय का फैसला 64 वर्षीय माल्या के लिए एक झटका था क्योंकि यह फैसला उसके भारत प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अप्रैल में वहां के उच्च न्यायालय में अपील खारिज होने के कुछ ही सप्ताह बाद आया। यहां स्थित ब्रिटेन के उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने गत सप्ताह कहा था – माल्या के प्रत्यर्पण का इंतजाम करने से पहले एक कानूनी मुद्दा है जिसका समाधान करने की जरूरत है।

 

अधिकारी ने बताया – ब्रिटेन के कानून के तहत इसका समाधान होने तक प्रत्यर्पण नहीं हो सकता है। मुद्दा गोपनीय है और हम इसके बारे में विस्तार से नहीं बता सकते। हम यह आकलन नहीं कर सकते हैं कि इस मुद्दे का समाधान होने में कितना समय लगेगा। हम इससे जल्द से जल्द निपटना चाहते हैं। माल्या मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में रह रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *