श्रीराम जन्मभूमि परिसर में 28 साल बाद रुद्राभिषेक, 2 जुलाई को PM Modi कर सकते हैं भूमि-पूजन

New Delhi : भगवान श्रीराम का मंदिर बनने से पहले बुधवार को जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला पर 28 साल बाद कुबेरेश्वर शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया गया। इसके लिए मणिराम छावनी के महंत कमल नयन दास कुबेर टीला पहुंचे। दो घंटे यह अनुष्ठान चला। कुबेर टीला रामजन्मभूमि परिसर में स्थित है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है। महंत कमल नयन ने कहा- रुद्राभिषेक मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और कोरोना महामारी के खात्मे के लिये किया गया है।  महंत ने कहा- राम मंदिर के निर्माण की तैयारी रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है।

जमीन को समतल करने का काम हो चुका है। जल्दी ही मंदिर का निर्माण का कार्य शुरू हो, इसके लिए संत समाज बेसब्री से इंतजार कर रहा है। मंदिर निर्माण शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री द्वारा गर्भगृह स्थल का भूमि पूजन का कार्यक्रम है। इसके लिए उन्हें पहले ही आमंत्रित किया गया था, लेकिन कोरोना संकट के कारण कार्यक्रम नहीं हो सका। अब वे खुद प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें भूमि पूजन के लिए आमंत्रित करेंगे।
उम्मीद है कि 2 जुलाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करें। 2 जुलाई को देवशायनी एकादशी है। इसके बाद भगवान चार महीने की निद्रा में चले जाते हैं। इसलिये ऐसी उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री 2 को भूमि पूजन करें। वैसे इसे कंफर्म नहीं किया गया है। महंत कमल नयन ने कहा- वे रामलला का दर्शन करने गए थे, तभी समतलीकरण का कार्य देखा और कुबेर टीला पर शिवलिंग का मंदिर भी देखा, जो जर्जर हालत में है। उसी समय उनकी रुद्राभिषेक करने की इच्छा जागी, उसी क्रम में आज पूजा करने आए हैं।
उन्होंने कहा- मेरा तो केवल पूजा का ही कार्यक्रम है। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया काफी पहले से चल रही है। ट्रस्ट की तैयारी है। मगर कोरोना संकट के कारण मंदिर निर्माण शुरू करने में देरी हो रही है। प्रधानमंत्री की इच्छा थी कि वे यहां आएं, पर भीड़ न जुट जाए इसलिए उनका कार्यक्रम नहीं बन पा रहा है।

महंत कमल नयन दास ने बताया कि प्रधानमंत्री का भूमिपूजन के लिए समय मिलते ही मंदिर निर्माण का काम तेज हो जायेगा। इसके लिए दिल्ली में मंथन के बाद तय हुआ है कि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र पीएम से मिलकर उनका कार्यक्रम फाइनल करवायेंगे।

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