New Delhi : पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना तीन स्थानों पर एक-दूसरे के सामने से पीछे हट चुकी हैं। ऐसे में अब भारत चाहता है कि सीमा पर जारी विवाद पूरी तरह से तब खत्म होगा जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 10,000 सैनिकों को हटायेगा। आज दोनों पक्षों के बीच फिर से सीमा विवाद पर बातचीत शुरू हो गई है। इससे पहले छह जून को दोनों पक्षों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी।
भारत का साफ कहना है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव पूरी तरह से तभी खत्म होगा, जब चीन अपने सारे सैनिकों को साजो सामान समेत वापस बुला लेगा। चीन ने भारतीय इलाके के नजदीक आर्टिलरी और टैंक रेजिमेंट्स को तैनात किया हुआ है।
India wants China to de-induct its 10,000 troops, heavy weapons deployed along the LAC
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— ANI Digital (@ani_digital) June 10, 2020
न्यूज एजंसी एएनआई ने सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से लिखा है – पूर्व लद्दाख सेक्टर में डिसएंगेजमेंट शुरू हो गया है मगर हम चाहते हैं कि LAC सटे इलाकों में चीन ने जो एक डिविजिन से भी ज्यादा 10,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं, उन्हें हटाया जाये। डिसएंगेजमेंट ठीक है मगर तनाव तभी दूर होगा जब चीन अपना भारी-भरकम इंतजाम बॉर्डर से हटा ले। चीन के जवाब में भारत ने भी लद्दाख सेक्टर में 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर दिये हैं ताकि चीन की किसी भी हरकत का जवाब दिया जा सके। सूत्र ने आगे कहा- सेनाओं का पीछे हटना ठीक है, लेकिन तनाव केवल तभी कम होगा जब चीन अपने सैनिकों के साथ ही भारी भरकम तोपों, टैकों और इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल को एलएसी के पास से हटाएगा।
सूत्रों ने कहा – भारतीय पक्ष द्वारा अगले 10 दिनों में होने वाली वार्ताओं के दौरान कई बिंदुओं को उठाने की उम्मीद है, जिसमें बटालियन स्तर, ब्रिगेड स्तर और मेजर जनरल स्तर की वार्ता शामिल है। इसके अलावा बुधवार या गुरुवार को मेजर जनरल स्तर की वार्ता होने की संभावना है। बटालियन कमांडर स्तर पर सेनाओं के पीछे हटने वाले बिंदुओं पर वार्ता होगी और समकक्षों के साथ पहले ही हॉटलाइन वार्ता हो चुकी है।
चीनी सैनिकों ने 4 मार्च को इस तनाव की शुरुआत की थी। जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की लगभग एक पूरी बटालियन अपने पैट्रोलिंग पॉइंट से कहीं आगे चली आई थी। उनके साथ इन्फैंट्री कॉम्बैड व्हीकल्स और भारी गाड़ियां भी थीं। भारत इन पॉइंट्स को अगले 10 दिन होने वाली दोनों देशों की बातचीत में उठा सकता है। भारत और चीन के बीच बटालियन लेवल, ब्रिगेड लेवल और मेजर जनरल लेवल की बातचीत होनी है। बटालियन कमांडर लेवल पर डिसएंगेजमेंट पॉइंट्स पर बात हो सकती है।
सीमा से सटे तीन पॉइंट्स से तो सेनाएं पीछे हट गई हैं। मगर पेंगोंग शो झील पर तनाव बरकरार है। यहां पर दोनों देशों की सेनाओं में मई की शुरुआत में खूनी संघर्ष हो चुका है जिसमें दोनों तरफ के कई जवान घायल हुए थे। झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक के इलाके में चीनी सेना अब भी मौजूद है। चीन अपनी सीमा फिंगर 4 तक मानता है जबकि भारत के मुताबिक, चीन की सीमा फिंगर 8 पर खत्म हो जाती है। दोनों देशों के बीच आगे की बातचीत में इस पॉइंट पर क्या फैसला होता है, यह देखने वाली बात होगी।