New Delhi : सशस्त्रों बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने भारत-चीन के बीच जारी तनाव पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान की निंदा की है। रिटायर्ड आर्मी ऑफिसरों ने राहुल के बयानों को बुरी सोच से प्रभावित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा – चीन के साथ सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता के ट्वीट और बयान उनके अज्ञानता प्रकट करते हैं या फिर जवाहर लाल नेहरू के जमाने में हुई ऐतिहासिक भूलों को नजरअंदाज करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली, लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह और मेजर जनरल एम श्रीवास्तव समेत नौ पूर्व आर्मी अफसरों ने एक बयान जारी किया।
All patriots must read General Panag’s article.
“𝘋𝘦𝘯𝘪𝘢𝘭 𝘸𝘰𝘯'𝘵 𝘩𝘦𝘭𝘱 𝘶𝘴”.https://t.co/PFZS7bzmbM
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 5, 2020
इसमें कहा गया- हम सीनियर आर्म्ड फोर्सेज वेटरंस के समूह के तौर पर गलत सोच से प्रभावित और गलत वक्त में दिए गए राहुल गांधी के बयानों और उनके ट्वीट्स की कड़ी निंदा करते हैं जिनके जरिये राहुल ने भारत-चीन सीमा विवाद से निपटने को लेकर हमारी सेना और सरकार पर सवाल उठाए गए हैं।
बयान में कहा गया- उनके बयान हमारे राषट्रीय हितों के लिए काफी नुकसानदायक हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने अतीत में भी भारतीय सशस्त्र बलों के ग्राउंड और एयर स्ट्राइक सवाल उठाया था। क्या राहुल गांधी नहीं जानते हैं कि नेहरू ने तिबत को प्लेट में सजाकर चीन को सौंप दिया था और चीन ने अक्साई चीन में सड़कें बना लीं और बाद में इस पर तब कब्जा कर लिया जब नेहरू प्रधानमंत्री थे?
Once RM is done commenting on the hand symbol, can he answer:
Have the Chinese occupied Indian territory in Ladakh?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 9, 2020
रिटायर्ड आर्मी अफसरों ने सीमाई इलाकों में आधारभूत सैन्य ढाचों के अभाव के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिस पार्टी ने भारत पर सबसे लंबे वक्त तक शासन किया है, वही बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेपमेंट को नजरअंदाज करने का सीधा-सीधा दोषी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दों पर संवेदनशील और सहयोग की भावना का दिखाने की दरकार है।
उन्होंने कहा – विपक्ष को चीन के साथ सीमा विवाद का हल निकालने में सरकार के साथ खड़ा होना चाहिये। इसके उलट किसी भी तरह की कोशिश माफी के लायक नहीं होगी क्योंकि ऐसी कोशिशें राष्ट्रीय हित के खिलाफ हैं। रिटायर्ड आर्मी अफसरों के इस समूह ने इस बात के लिए सरकार की सराहना की कि वो बॉर्डर एरियाज में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को प्रतिबद्ध दिख रही है जो 1962 के चीन युद्ध के बाद से नहीं हुआ जबकि युद्ध के बाद भारत को अपनी ताकत बढ़ाने की दरकार थी। उन्होंने कहा- भारत सरकार बहुत चतुर कूटनीतिक पहलों का सहारा ले रही है, साथ ही सीमा की सुरक्षा में लगे हमारे सशस्त्र बलों का भी मनोबल बढ़ा रही है।
The media is muzzled and terrified. The truth seems dormant.
But it flows in the blood of every single Indian army officer and soldier.
They know exactly what is happening in Ladakh. https://t.co/qdE7ez8zrD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 8, 2020
राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सवाल उठाया था। शाह ने कहा था कि पूरी दुनिया मानती है कि अमेरिका और इजरायल के बाद भारत ही ऐसा देश है जो अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सक्षम है। इस पर राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में सवाल कर डाला। राहुल के ट्वीट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शायराना अंदाज में ही राहुल पर कटाक्ष किया तो राहुल ने रक्षा मंत्री से यह पूछ डाला कि क्या लद्दाख में चीन ने भारत की जमीन हड़प ली है?