New Delhi : सेना के सीनियर अफसरों की मीटिंग के बाद ऐसी उम्मीद थी कि अब सबकुछ शांत हो जायेगा। आज विदेश मंत्रालय ने अधिकृत बयान जारी कर कहा – चीन और भारत एलएसी पर कायम विवाद का शांतिपूर्ण ढंग से कूटनीतिक हल निकाल लेंगे। मगर दूसरी तरफ चीन को कोई चैन ही नहीं है। यहां विदेश मंत्रालय ने शांति से मामला शांत हो जाने की उम्मीद जताई तो चीन ने युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। दबाव बनाने के लिये इस युद्धाभ्यास का प्रसारण अपने टीवी चैनल पर भी कर रहा है। यही नहीं चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है – भारत से तनाव की स्थिति को देखते हुये युद्धाभ्यास शुरू किया गया है।
Several thousand soldiers with a Chinese PLA Air Force airborne brigade took just a few hours to maneuver from Central China’s Hubei Province to northwestern, high-altitude region amid China-India border tensions. https://t.co/dRuaTAMIt0 pic.twitter.com/CtRJRk13IO
— Global Times (@globaltimesnews) June 7, 2020
चीन ने जरूरी जमीनी युद्धाभ्यास के साथ ही एयरफोर्स की ताकत को भी परखना शुरू किया है। यही नहीं चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स भारत के अमेरिका के G-7 में शामिल किये जाने के अमेरिका के फैसले पर फिर से तंज किया है। लिखा है – भारत के रणनीतिक और नीति-निर्धारक मंडल एक छोटे समूह के हाथों में है जो चीन के प्रति नकारात्मक विचारों से भरे परे हैं। चीन के उदय और बीजिंग और नई दिल्ली के बीच बढ़ती ताकत के अंतर के साथ, चीन के प्रति भारत की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
India's strategic and policymaking circles are in the hands of a small group who hold ingrained negative views toward China. With China's rise and the increasing strength gap between Beijing and New Delhi, India's anxieties toward China have also increased https://t.co/2iP59WvqqF pic.twitter.com/f3BjVRah2d
— Global Times (@globaltimesnews) June 7, 2020
बहरहाल लद्दाख में भारतीय सेना से तनातनी के बीच चीन की पीपल लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने एक बड़े युद्धाभ्यास का दावा किया है। सीमा विवाद को लेकर बीतचीत के बीच ही चीन की सेना ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध की तैयारी परख रही है। चीन की सरकारी मीडिया इस युद्धाभ्यास की तस्वीरें और वीडियो जारी करके प्रोपेगेंडा फैला रही है और सेना की शक्ति का प्रदर्शन कर रही है। चाइना सेंट्रल टेलीवीजन (सीसीटीवी) के मुताबिक, पीएलए ने अज्ञात स्थान पर किसी ऊंचे वाले स्थान पर यह युद्ध अभ्यास किया है। सैनिकों और साजो सामान को देश के उत्तर पश्चिम भाग में स्थित हुबेई प्रांत से मूव किया गया। इससे चीन संदेश देना चाहता है कि वह लद्दाख जैसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र के लिये तैयारी कर रहा है।
Wang Wenchang, one of China's ace air force pilots with more than 5,000 hours in a fighter-jet cockpit is hanging up his wings and will fly no more. During his 29-year career, Wang trained more than 50 air force pilots. pic.twitter.com/zR799ufrTE
— Global Times (@globaltimesnews) June 7, 2020
युद्धाभ्यास के वीडियो के मुताबिक इस पूरे अभ्यास को महज कुछ घंटों में अंजाम दिया गया। यह चीन की क्षमता को दिखाता है कि किस तरह जरूरत पड़ने पर सैन्य साजो सामान को ऊंचे युद्ध में तेजी से पहुंचाया जा सकता है। सिविलियन एयरलाइन्स, रोड और रेलवे के जरिये हजारों सैनिकों को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, जो उत्तर पश्चिम ऊंचाई वाले इलाके में है और हुबेई से हजारों किलोमीटर दूर है। सीसीटीवी ने यह भी कहा कि कोरोना का केंद्र रहा हुबेई अब पूरी तरह सामान्य है और यहां सैनिक युद्धाभ्यास और युद्ध के लिए तैयार हैं। इस युद्धाभ्यास के दौरान कुछ ही घंटों में सैन्य साजो-सामान, बख्तरबंद गाड़ियों और सैनिकों को युद्धक्षेत्र में पहुंचाने की तैयारी को परखा गया।
चीन मामलों के जानकारों का कहना है कि चीन का दोहरा रवैया कोई नई बात नहीं है। यह उसकी पुरानी रणनीति का हिस्सा है। वह एक तरफ दुनिया के सामने शांति की बात करता है तो दूसरी तरफ इस तरह के युद्ध अभ्यास और शक्ति प्रदर्शन से सामने वाले पक्ष पर दबाव बनाने की कोशिश करता है।
Main battle tank throws up dirt during maneuver training https://t.co/NE9JfzdqV6 pic.twitter.com/AJfknO36AS
— Global Times (@globaltimesnews) June 7, 2020
चीन भारत और चीन के राजनयिकों में शुक्रवार को शांति से विवाद सुलझाने की सहमित बनी तो शनिवार को दोनों देशों के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के सैन्य अधिकारियों के बीच करीब साढ़े पांच घंटे तक बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन द्विपक्षीय समझौतों तथा दोनों देशों के नेताओं द्वारा दिए जाने वाले दिशानिर्देशों के अनुरूप सीमा मसले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सैन्य तथा राजनयिक वार्ता जारी रखने पर सहमत हो गए हैं। विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर दोनों देशों की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के परिणामों की जानकारी साझा करते हुए यह बात कही।