CM योगी कोरोना नियमों को लेकर सख्त : कानपुर में बिना मास्क आइजी का काटा चालान

New Delhi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा है – अनलॉक का मतलब स्वतंत्रता नहीं है। कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पूरी सावधानी बरतनी होगी। शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन करते रहना होगा। इस संबंध में उन्होंने शनिवार देर शाम पुलिस-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी निर्देश दिये। अनलॉक-1 की व्यवस्थाओं की समीक्षा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के अधिकारियों के साथ की। आठ जून से खुलने जा रहे धर्मस्थल, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट को लेकर उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से छूट देने की व्यवस्था की गई है।

इधर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क कितना जरूरी है, इसकी अहमियत शहर की जनता को समझने के लिये कानपुर आईजी ने अपने नाम चालान कटवाई। शहर की पुलिस ने शनिवार को बिना मास्क होने पर आइजी का चालान काटा। आइजी मोहित अग्रवाल ने चंद सेकेंड के लिए अपने मुंह से मास्क हटने की वजह से अपना चालान कराया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क पर कोई भी बिना मास्क के दिखाई न पड़े।
आइजी शनिवार को डेंजर जोन बने बर्रा का निरीक्षण करने गये थे। वह गाड़ी से उतरे तो उन्होंने मास्क लगाया हुआ था। अधिकारियों से बातचीत के दौरान कुछ सेकेंड के लिए उन्होंने मुंह से मास्क उतार दिया, लेकिन जब उन्हें ध्यान आया कि नियमानुसार सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहनना जरूरी है तो उन्होंने बर्रा इंस्पेक्टर को निर्देशित किया कि वह उनका चालान करें। इसके बाद पुलिस ने आइजी का 100 रुपये का चालान किया। आइजी ने बताया कि यह एक साधारण सी घटना थी, लेकिन संक्रमण को देखते हुए ये चूक है, इसलिए उन्होंने स्वयं का चालान कराया।
आठ जून यानी सोमवार से विभिन्न गतिविधियां शुरू होने जा रही हैं। अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के संबंध में अपर मुख्य सचिव गृह दिशा-निर्देश जारी कर दें। साथ ही कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करे कि सार्वजनिक स्थानों पर पांच सेअधिक लोग एकत्र न हों। इसके लिए प्रभावी पेट्रोलिंग करनी होगी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया कि आठ जून से सभी जगह भीड़ बढ़ेगी। गाइडलाइन का अच्छे से अध्ययन कर लें। धर्मगुरुओं, होटल-रेस्टोरेंट से जुड़ी संस्थाओं, व्यापारियों से संवाद कर व्यवस्था करें कि कहीं व्यवस्था का उल्लंघन न हो।

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