New Delhi : कोरोना का एक बेहद इमोशनल मामला सामने आया है। कई बीमारियों से जूझ रहे पिता को देखने के लिये बेटी चेन्नई से मणिपुर आई लेकिन जिस समूह के साथ आई उसमें से एक में कोरोना पॉजेटिव पाया गया। लड़की को भी तत्काल संदिग्ध मरीज मानते हुये क्वारैंटाइन कर दिया गया। इसी बीच उसके पिता चल बसे। खबर लगने पर बेटी को पिता को देखने की अनुमि तो जैसे तैसे मिल गई, लेकिन सिर्फ तीन मिनट के लिये। घड़ी में 180 सेकेंड पूरे हुये और लड़की को वहां से हटा लिया गया। कोरोना संदिग्ध होने की वजह से लड़की मां को भी ढांढस नहीं दे सकी।
Quarantined Manipur Woman Gets 3 Minutes To Say Final Goodbye To Fatherhttps://t.co/6r8Gn5Y0Ie
— Anshuman Ray (@anshuman_68) June 5, 2020
मणिपुर की 22 वर्षीय अंजली हमांगते को राज्य के कांगपोकपी के क्वारंटीन सेंटर से इम्फाल इसलिए लाया गया क्योंकि उसके पिता को एक लंबी अवधि से बड़ी बीमारी थी और अंजली के पास अपने पिता का आखिरी बार अलविदा करने के लिए केवल तीन मिनट थे। अंजली कोरोना वायरस संदिग्ध है और अपने पिता से आखिरी बार मिलने इम्फाल आई थी। इन तीन मिनट में वो पिता के ताबूत के सामने बैठकर बस रोती रही। मजबूरन उसकी मां, परिवार वाले और पड़ोसी अंजली को दिलासा भी नहीं दे पाते हैं।
अंजली के पास खड़े डॉक्टर लगातार अपनी घड़ी देखते रहते हैं। अंजली को आखिरी बार अपने पिता से मिलने के लिए केवल तीन मिनट दिये गये जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मचारी अंजली को वहां से अपने साथ वापस क्वारैंटीन सेंटर ले आते हैं। 25 मई को अंजली एक श्रमिक ट्रेन के जरिये चेन्नई से अपने घर लौटी थी। सिर्फ पिता को देखने। जिसके बाद उसे संस्थागत तरीके से क्वारैंटीन केंद्र में भेज दिया जाता है। अंजली को क्वारैंटीन करने का कारण यह था कि उसके साथ यात्रा कर रहे लोगों में से एक व्यक्ति को कोरोना वायरस था, उसका टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था।
पिता के चल बसने की खबर मिलते ही अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद ही अंजली पूरी पीपीई किट पहनकर अपने पिता को आखिरी बार अलविदा कह पाई। वहीं कोरोना संदिग्ध होने की वजह से अंजली अपनी मां और परिवार वालों से भी नहीं मिल सकी। दरअसल, मणिपुर में कोरोना के 13 मामले और सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 121 पहुंच गई है।