चीन बॉर्डर के पास ही 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बना रहा भारत, लद्दाख के पास तैनात की गई बोफोर्स

New Delhi : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच कश्मीर में वायुसेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही 3.5 किलोमीटर की एक हवाई पट्टी का निर्माण शुरू कर दिया है। भारत किसी भी तरह की कोई ढील नहीं छोड़ना चाहता है इसलिए हर तरह की स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहा है। लद्दाख के पास भारत ने हवाई पट्टी का निर्माण तेज़ किया है, इसके अलावा बोफोर्स आर्टिलरी की तैनाती भी की जा रही है। अधिकारियों ने, हालांकि दक्षिण कश्मीर में हवाई पट्टी के निर्माण के साथ भारत-चीन सीमा तनाव के किसी भी संबंध से इनकार किया है। अधिकारियों का कहना है कि हवाई पट्टी का निर्माण काफी पहले से निर्धारित योजना के तहत किया जा रहा है।

 

बहरहाल इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान आसानी से उतर और उड़ान भर सकते हैं। यहां से नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंचने में वायुसेना को बेहद कम समय लगेगा। यह हवाई पट्टी बिजबिहाड़ा में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के साथ बनाई जा रही है। इस पर करीब 119 करोड़ रुपये की लागत आयेगी और यह आठ माह में तैयार होगी।
यह पट्टी लगभग साढे़ तीन किलोमीटर लंबी है। दो दिन पहले ही इसका निर्माण शुरू किया गया है। इसे युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। यह पट्टी किसी भी आपातस्थिति में लड़ाकू विमानों के लिए इस्तेमाल होगी। लड़ाकू विमान इस पर किसी भी समय उतर सकते हैं और उड़ान भर सकते हैं। हवाई पट्टी के निर्माण में जुटे कर्मियों व श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन ने विशेष पास जारी किये हैं।
इस हवाई पट्टी का निर्माण देश के लिए बहुत अहम है। कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। इसके अलावा लद्दाख का एक हिस्सा चीन के साथ और एक हिस्सा पाकिस्तान के साथ भी सटा हुआ है। चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ ही भारत के संबंध तनावपूर्ण ही हैं। युद्ध की स्थिति में यह पट्टी सेना, वायुसेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत कारगर साबित होगी। बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदााओं में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

 

श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर दक्षिण कश्मीर में इस हवाई पट्टी के निर्माण का फैसला 2017 में लिया गया था। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बंगाल, ओडिशा और गुजरात समेत देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की 12 हवाई पट्टियां बनाई जायेंगी।

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