New Delhi : सीमा पर जारी भारत और चीन के बीच तनाव थमता दिख रहा है। पूरी रंगदारी में भारत के सीमाक्षेत्र में आकर जबरिया डटी चीनी सेना को झुकना ही पड़ा। वैसे, दोनों देश की सेनाएं गलवान और चुसूल में पीछे हट गई हैं। बातचीत के बाद पूर्व की यथावत स्थिति को कायम करने पर निर्णय हुआ और सेनाओं के पीछे हटाये जाने पर सहमति हुई। लेकिन यह तय हुआ कि पहले चीनी सेना पीछे हटेगी उसके बाद ही भारतीय सेना पीछे हटेगी। अंतत: दोनों सेना फ्रंट पोजिशन से पीछे हट गई। पांच मई के बाद से दोनों देशों के सैनिक एलएसी पर चार जगहों पर एक-दूसरे के आमने-सामने थी। दोनों पक्षों ने इन जगहों पर करीब एक हजार सैनिक तैनात किये थे।
India China Tension: भारत चीन सीमा पर तनाव हुआ कम, दो किलोमीटर वापस गए चीनी सैनिकhttps://t.co/8OGDCvCZTY
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— पुछता है भiरत (@i99871314) June 3, 2020
अब दोनों देश की सेनिकों के पीछे हटने की खबर आ रही है। इससे फिलहाल सीमा पर भारत और चीन के बीच विवाद थमता नजर आ रहा है। भारत द्वारा पूर्वी लद्दाख के पांगगोंग त्सो (झील) इलाके में एक खास सड़क और गलवान घाटी में डारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी सड़क को जोड़ने वाली एक सड़क को बनाने के प्रति चीन के विरोध से पैदा हुआ था।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में गत पांच मई को दोनों देशों के सैनिक लोहे की छड़ों और लाठी-डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद, सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास भारत और चीन के लगभग 150 सैनिक आपस में भिड़ गए, जिसमें दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।
दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है।