New Delhi : गरीबों के मसीहा सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने में मदद करने और खाना खिलाने की अपनी सेवाओं से कहीं आगे बढ़ गये हैं। इंडिया के इकलौते सुपरहीरो हैं, जो किसी के लिये, कभी भी, कहीं भी मदद करने के लिये पहुंच सकते हैं। जैसे आज एक मां के लिये बांद्रा स्टेशन पहुंच गये। नाम लीलावती केदारनाथ दुबे। दिल्ली के मयूर विहार इलाके में रहने वाली 70 साल की लीलावती केदारनाथ दुबे को उनके अपने बेटे दिनेश कुमार दुबे ने कोरोना संकट में घर से बाहर निकाल दिया। शनिवार को मुंबई के माहुल गांव से बांद्रा टर्मिनस तक 13 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचीं और जैसे ही उनको टोका गया रोने लगीं।
https://t.co/zDWB5EDWpd @SonuSood sir please have a look at this video of a lady who is thrown out by her son for whom she came from Delhi to Mumbai. PL Sir I'm requesting you drop her somewhere she can be safe, bcoz her son from Delhi doesn't allow her to enter the home🙏😭😭
— Divya Gupta (@dg1994194) May 31, 2020
इस बुजुर्ग मां को मुम्बई में रहनेवाले बेटे दिनेश ने घर से निकाल दिया। वे बांद्रा स्टेशन पर बैठकर रो रही थीं। इसका वीडियो एक लड़की ने सोनू सूद को ट्वीट कर दिया और सोनू रोती हुई मां का सहारा बन गये।
दरअसल यह कहानी है 70 वर्षीय लीलावती केदारनाथ दुबे की। इस बुजुर्ग महिला का छोटा बेटा दिल्ली में रहता है और दूसरा दिनेश मुम्बई में। बड़ा बेटा दिनेश बीमार हो गया तो छोटेवाले बेटे ने देखरेख के लिये उन्हें मुम्बई भेज दिया। अब बेटा जब ठीक हो गया है तो धक्के मार कर घर से निकाल दिया। अपने बेटे द्वारा घर से निकाले जाने के बाद लीलावती जब अपने घर से बांद्रा रेलवे स्टेशन के लिए चलीं तो उनके पास न पैसे थे, न ही खाने के लिए भोजन। उन्हें नहीं पता था कि उन्हें आखिर जाना कहां है। कुछ लोगों ने रास्ते में खाने के लिए बिस्कुट इत्यादि दिये। जिनके सहारे वो रेलवे स्टेशन तक पहुंचीं।
Today will be a special day for her ❤️🙏 https://t.co/qKExYavsB5
— sonu sood (@SonuSood) May 31, 2020
अब वे किसी कीमत पर दिल्ली लौट जाना चाहती हैं। दिल्ली जाने के लिये ट्रेन नहीं है। भीख मांग कर किसी तरह जी रही हैं और दिल्ली के ट्रेन का इंतजार कर रही हैं। इस पूरी बात की जानकारी सोनू सूद को ट्वीट से हुई। वे खुद बांद्रा पहुंच गये। इस मां का सहारा बन गये। रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया और बुजुर्ग महिला को टिकट दिलवाकर रविवार को दिल्ली भेजा।
इस बुजुर्ग महिला के तीन बेटे और 2 बेटी हैं, लेकिन कोई उन्हे साथ रखने के लिये तैयार नहीं। लेकिन यह स्टोरी पहली भी नहीं है और आखिरी भी नहीं। आखिर कुछ ही दिनों में उन्होंने अकेले अलग-अलग जगह फंसे 15,000 प्रवासी लोगों को घर भेज कर उनके परिवार वालों से मिलवाने का नेक काम किया है। सोनू सूद की वजह से अपने बच्चे से मिल पायी एक मां ने सोनू को एक वीडियो के ज़रिये धन्यवाद कहा है। अपने बच्चे से मिलने की ख़ुशी और उससे दूर रहने की जो पीड़ा इस मां ने झेली। वो आंसुओं में दिख रही है। ये मां कह रही है – मेरा लाल जो मेरे पास है, मैं किस अल्फ़ाज़ में आपका शुक्रिया करूं, थैंक यू करूं? मेरे पास अल्फ़ाज़ ही नहीं हैं, मेरा बेटा मेरे सामने है।
बहुत सही मेरे भाई। माता जी को प्रणाम। बहुत खुश हूँ कि मैं तुम को तुम्हारी माँ से मिलवा पाया। शब्द नहीं हैं मेरे पास। बस अभी और बहुत सारे मनीष अपनी माओं से जल्द से जल्द मिल पायें। इसी की कोशिश रहेगी। ❣️ https://t.co/F2lmsfCQJ8
— sonu sood (@SonuSood) May 29, 2020
अपने बेटे से इतने दिनों बाद मिलने वाली इस मां की ख़ुशी हम वीडियो में देख सकते हैं। उसने सोनू को धन्यवाद करते हुए कहा कि ये काम एक सच्चा भाई ही अपनी बहन के लिए कर सकता है।