New Delhi : लद्दाख में तनाव को कम करने के लिये बातचीत का दिखावा कर रहे चीन की पोलपट्टी खुल गई है। एकतरफ कहा जा रहा है कि बातचीत के जरिये समस्या का हल करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इसी दौरान चीन ने अपने इलाके में सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं। चीनी सेना भारी वाहनों से तोप, टैंक और दूसरे हथियार जमा कर रही है। जहां से इन्हें कुछ ही घंटे में भारतीय सीमा पर लाया जा सकता है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक- चीन की यह हरकत इसलिए शक पैदा करती है, क्योंकि इसी दौरान बटालियन और ब्रिगेड लेवल पर सैन्य अफसरों की बातचीत भी चल रही है। अब तक चीन के सैनिक विवाद वाली जगहों से लौटे नहीं हैं।
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— Soundar C / சௌந்தர் செ (@soundarc2001) May 31, 2020
भारतीय सैनिक भी यहां मुस्तैदी से मोर्चा संभाले हुए हैं। एक सूत्र के मुताबिक- पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के क्लास ए व्हीकल्स देखे जा सकते हैं। यह इलाका एलएसी के करीब है। भारतीय सीमा से 25 से 30 किलोमीटर दूर चीनी सेना की गाड़ियां हैं। इनमें हथियार हैं। हालात बिगड़ने पर ये चंद घंटों में मोर्चे तक पहुंच सकते हैं। ऐसा लगता है कि चीन बातचीत का बहाना बनाकर सैन्य तैयारियां मजबूत कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक- दोनों देशों के कमांडिंग ऑफिसर और ब्रिगेड कमांडर्स के बीच रोज बातचीत हो रही है। लेकिन, अब तक ये बेनतीजा रही है। मुमकिन है कि जल्द ही मेजर जनरल रैंक के अफसर बातचीत करें ताकि तनाव जल्द खत्म किया जा सके।
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चीन चाहता है – भारत अपने हिस्से में इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम बंद करे। विवाद की वजह ये है कि चीनी सैनिक कई बार भारतीय सीमा में घुस आते हैं। हमारे सैनिकों से इनकी हाथापाई होती है। मई के तीसरे हफ्ते में गंभीर झड़पें हुईं और अब ये पूरे लद्दाख में हो रहा है।
सूत्र बताते हैं – चीन के जवाब में भारत ने भी माकूल इंतजाम कर लिये हैं। इस मामले की शुरुआत में चीन ने चौंकाया। उसने तेजी से करीब पांच हजार सैनिक इस इलाके में तैनात कर दिये। कुछ जगह भारतीय सीमा में घुसपैठ भी हुई। भारतीय सेना की रिजर्व डिवीजन को लद्दाख में तैनात किया जा चुका है। ये वो सैनिक हैं जिन्हें ऊंचाई या पहाड़ी इलाकों में जंग की महारत हासिल है। शुरुआत में महामारी की वजह से कुछ दिक्कतें थीं लेकिन अब एयरक्राफ्ट्स और सड़क के जरिए फौज भेज दी गई है। सूत्रों ने ये भी साफ कर दिया कि भारत शांति तो चाहता है लेकिन अपनी सीमा में किसी की दखलंदाजी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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Zee News: Shiv Sena attacks PM Narendra Modi over India-China faceoff, calls US President Donald Trump`s mediation of….https://t.co/E4jdQyqYie— KATYAYAN VAJPAYEE (@KVajpayaee) May 31, 2020
भारत और चीन के बीच सीमा से संबंधित मसले सुलझाने के लिए चार जरिए मौजूद हैं। इनमें से दो 1993 और 1996 में बने। 2005 और फिर 2013 में भी इससे संबंधित प्रगति हुई। सीबीएम (कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर्स) भी है। इन्हीं समझौतों के आधार पर दोनों देश बातचीत करके सीमा विवाद सुलझाते आये हैं। प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच भी बैठकें हो चुकी हैं। इनमें भी सीमा विवाद बातचीत से सुलझाने पर सहमति बनी।