अनलॉक-1 : मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य, थूकने पर जुर्माना, 13 शहरों में सख्त पाबंदी

New Delhi : देश में व्यावसायिक गतिविधियों और सामान्य जनजीवन को पटरी पर लाने के लिये 1 जून से चरणबद्ध तरीके से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होगी। एक जून से 30 जून के बीच अनलॉक 1 प्रभावी होगा, जिसमें हर हफ्ते माहौल की समीक्षा कर जनजीवन को पटरी पर लाने के लिये ढील दी जायेगी। इस बीच 8 जून से शर्तों के साथ मॉल, होटल, सैलून, धार्मिक स्थल, रेस्टोरेंट आदि खोले जायेंगे। बाकी व्यावसायिक गतिविधियां एक जून से शुरू कर दी जायेगी। एक जून से 30 जून के बीच कंटेनमेंट जोन में सारी पाबंदियां बरकरार रहेंगी। इस दौरान पार्क, सिनेमा हॉल और जिम बंद रहेंगे। कंटेनमेंट जोन के अंदर सब कुछ बंद रहेगा, लेकिन कंटेनमेंट जोन के बाहर चरणबद्ध तरीके से सब कुछ खोला जाएगा। वैसे कुछ शहरों में पाबंदियां सख्त ही रहेंगी। दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता/हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टु और तिरुवलुर में पाबंदियों को आगे भी जारी रखा जा सकता है।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन चार के बाद की स्थिति को अनलॉक का नाम दिया है। यानी आठ जून से रियायतें शुरू होंगी। लेकिन एक जून से राज्यों के बीच आवागमन के लिए अब तक आवश्यक रहे ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि राज्य सरकारें और जिला प्रशासन अपने विवेक से इसे लागू कर सकती हैं। वहीं चौथे लॉकडाउन तक लागू कर्फ्यू की समय अवधि को भी कम किया गया है। अभी यह सुबह सात से शाम सात बजे तक है। एक जून से यह अवधि रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक लागू रहेगी। ऐसे में यह आशंका बढ़ गई है कि लोग अपने पैतृक निवासों, गृह क्षेत्रों की ओर ज्यादा तेजी से जायेंगे क्योंकि बच्चों की छुट‍्टियां चल रही हैं।
गृह मंत्रालय की ओर जारी 7 पेज की गाइड लाइन में 5,6 और 7वें पेज पर बढ़ाए गए लॉकडाउन को तोड़ने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। इनमें आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार दंड और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें दूसरे चरण की घोषणाओं को दोहराते हुए स्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक स्थानों और काम करने की जगह पर मास्क पहनना जरूरी होगा। पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा और जुर्माना देना होगा।

गाइडलाइन में कानून तोड़ने वालों और अन्य लोगों के लिए जान-माल का खतरा पैदा करने की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 9 धाराओं के अनुसार एक्शन होगा। सरकारी कर्मचारियों पर आदेश न मानने की स्थिति में आईपीसी की धारा 188 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
पहले चरण में 8 जून से धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल खोले जाएंगे। हालांकि, ये सब शर्तों के साथ ही खुलेंगे। दूसरे चरण में स्कूल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे। राज्य सरकारें स्कूलों और बच्चों के माता-पिता से बात कर के स्कूल-कॉलेज खोलने पर फैसला कर सकते हैं। अभी जुलाई महीने से स्कूलों को खोलने की कोशिश की जायेगी। जिस पर राज्य अपने विवेकानुसार फैसला ले सकते हैं। जुलाई में ये तय होगा कि स्कूल खोलने हैं या नहीं। तीसरे चरण में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल, सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल जैसी जगहें आदि को खोलने पर विचार होगा।

कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन लागू रहेगा। कंटेनमेंट जोन में सिर्फ जरूरी सेवाओं की ही इजाजत होगी। इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा कि कंटेनमेंट जोन में लोगों का मूवमेंट ना हो। कंटेनमेंट जोन में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, घर-घर का सर्विलांस होगा। राज्यों की तरफ से कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन तय किए जा सकते हैं, जहां नए मामले आने की अधिक संभावना हो। इन बफर जोन में जिला प्रशासन अपने विवेकानुसार पाबंदियां लगा सकता है।
रात का कर्फ्यू जारी रहेगी। जो जरूरी चीजें हैं, उनके लिए कोई कर्फ्यू नहीं होगा। रात को 9 बजे से सुबह 5 बजे तक अब नाइट कर्फ्यू रहेगा। अभी तक ये शाम 7 से सुबह 7 बजे तक था। स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान खोले जाने पर फैसला सरकार बाद में लेगी।

एक से दूसरे राज्य में जाने का प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया है। राज्य में भी एक जिले से दूसरे जिले में जा सकेंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। कहीं आने जाने से पहले किसी की कोई इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, राज्यों को अगर कहीं लगता है तो वह पाबंदियां लगा सकते हैं, जिसकी जानकारी वह पहले से ही दे देंगे।
इस घोषणा से थोड़ी देर पहले ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने लॉकडाउन-5 के बारे में कुछ अहम बातें कहीं है। उन्होंने कहा – अब ये लॉकडाउन काफी हद तक कम हो जायेगा। लोगों से कई तरह की पाबंदियां हटा ली जाएंगी। केंद्रीय मंत्री ने न्यूज चैनल आज तक से बातचीत के दौरान कहा – लॉकडाउन-5 बिल्कुल साधारण होगा। इसमें कुछ ही इलाकों में पाबंदियां लगाई जाएंगी। बाकी जन जीवन को खोला जाएगा।

उन्होंने कहा कि ये समय हमेशा ऐसा ही चलेगा। लोगों को काफी हद तक छूट दे दी गई है और अब उम्मीद है कि सामान्य जीवन होगा। उन्होंने लॉकडाउन को बेहद जरूरी कदम बताते हुए कहा – अगर देश में समय रहते ये फैसला नहीं लिया जाता तो आज भारत में 50 लाख कोरोना के केस होते। लॉकडाउन के कारण आज भी हमारी जितनी जनसंख्या है उसके हिसाब से बहुत कम केस सामने आ रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही कोई वैक्सीन या दवा आ जायेगी और जनजीवन सामान्य होगा।

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