New Delhi : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार 29 मई को कहा – उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ अमेरिका के सारे संबंधों को खत्म कर दिया है। वे शुरू से ही डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाते आ रहे हैं कि वह कोरोना वायरस को आरंभिक स्तर पर रोकने में नाकाम साबित हुआ है। संयुक्त रष्ट्र एजेंसी की फंडिंग ट्रंप ने पहले ही बंद कर दी है।
ट्रम्प ने कहा – विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन का पूरा नियंत्रण है। चीन उसे 40 मिलियन डॉलर देता है, लेकिन अमेरिका एक साल में 450 मिलियन डॉलर की मदद देता था। उन्होंने हमारी मांग नहीं मानी, इसलिए हम डब्ल्यूएचओ से संबंध खत्म कर रहे हैं। ट्रम्प ने गुरुवार को कहा था कि कोरोना वायरस दुनिया के लिए चीन का एक बुरा तोहफा है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 29, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर लंबे समय तक जासूसी करने और औद्योगिक जानकारियां चोरी करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा – आज अमेरिका की अहम रिसर्च को बेतहर तरीके से सुरक्षित रखने की घोषणा करूंगा। हम विदेशी जोखिमों के तौर पर पहचान रखने वाले चीन के कुछ नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगायेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति का आरोप है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना के मामले में चीन को लेकर गंभीर नहीं था। इसी वजह से कोरोना संक्रमण दुनियाभर में फैल गया। ट्रम्प ने दावा किया कि डब्ल्यूएचओ अपने काम में विफल रहा है। उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को फंडिंग रोकी।
अब तक 15% फंड अकेले अमेरिका देता था। यूएस ने डब्ल्यूएचओ को 2019 में 553 मिलियन डॉलर दिए थे। ब्रिटेन 08% फंड देता है। अकेले बिल एंड मेलिंडा गेट्स 10% फंड देते हैं। डब्ल्यूएचओ टीकाकरण अभियान चलाने, हेल्थ इमरजेंसी और प्राथमिक इलाज में दुनियाभर के देशों की मदद करने में फंड खर्च होता है। 2018-19 में डब्ल्यूएचओ ने फंड का 19.36% हिस्सा यानी लगभग 1 बिलियन डॉलर पोलियो उन्मूलन पर खर्च किया। अफ्रीकी देशों में चल रहे डब्ल्यूएचओ के प्रोजेक्ट्स के लिए 1.6 बिलियन डॉलर खर्च किए गए।
China has replaced its promise of one country, two systems with one country, one system. Therefore, I am directing my administration to begin the process of eliminating policy exemptions that give Hong Kong different and special treatment: US President Donald Trump https://t.co/lQHXHwQFV9
— ANI (@ANI) May 29, 2020
जुलाई 2017 में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का पद संभालने वाले डॉ. टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस इथोपिया के नागरिक हैं। उन्हें चीन के प्रयासों की वजह से ये पद मिलने के आरोप लगते रहे हैं। वे इस संस्थान के पहले अफ्रीकी मूल के डायरेक्टर जनरल हैं। आरोप है कि चीन ने टेडरोस के कैंपेन को ना सिर्फ सपोर्ट किया बल्कि अपने मत के अलावा अपने सहयोगी देशों के भी मत दिलवाए। अमेरिका और चीन दोनों ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी सदस्य हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को देने वाले फंड में बढ़ोतरी की है।