23 मई को झांसी से गोरखपुर, फिर झांसी लौटी ट्रेन, 28 को सेनेटाइजेशन में टॉयलेट में मरा मिला श्रमिक

New Delhi : मानवता को शर्मशार करने वाला एक मामला गुरुवार शाम झांसी स्टेशन पर सामने आया। झांसी से गोरखपुर के लिए 23 मई को रवाना हुई श्रमिक स्पेशल के शौचालय में शव पड़ा रहा। पांच दिन बाद जब ट्रेन को सेनेटाइज किया जा रहा था तब शव मिलने की सूचना पर रेलवे प्रशासन सकते में आ गया। छानबीन में पता चला 23 मई को इसी ट्रेन से गोरखपुर जाने के लिए बस्ती का प्रवासी मजदूर सवार हुआ था। जीआरपी ने कोरोना जांच और पोस्टमार्टम कराने के बाद शव शुक्रवार को उसके जाननेवालों के सुपुर्द कर दिया। उसका झांसी में ही दाह संस्कार कर दिया।

गोरखपुर से 27 मई को लौटी 04168 श्रमिक स्पेशल ट्रेन को 28 मई की शाम के वक्त अगली यात्रा के लिए रेलवे यार्ड में तैयार किया जा रहा था। सेनेटाइज करने के समय एस-ई 068226 बोगी का शौचालय नहीं खुल रहा था। दरवाजा तोड़ा गया तो 38 वर्षीय युवक का शव देख सभी सन्न रह गये। तत्काल जीआरपी और आरपीएफ को सूचना दी गई। तलाशी के दौरान युवक की जेब से मोबाइल फोन, 27282 रुपये नगद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम के अलावा 23 मई का झांसी से गोरखपुर जाने का यात्रा टिकट मिला। आधार कार्ड में मृतक का नाम मोहन शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी हलुआ थाना गौर जिला बस्ती लिखा था। इसकी जानकारी जीआरपी ने परिजनों को दी।

फूफा कन्हैया लाल शर्मा, साढू भाई व चाचा शुक्रवार सुबह जीआरपी थाने पहुंचे। फूफा ने बताया कि मोहन शुगर का मरीज था। काफी लंबे समय से उसकी दवाएं चल रही थीं। हालांकि मेडिकल कॉलेज से अभी कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है। पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर जीआरपी ने विसरा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया है। फूफा ने बताया कि मोहन के पिता का काफी पहले देहांत हो गया था। पत्नी और चार मासूम बच्चों की परवरिश के लिए वह कमाने मुंबई गया था। चिप्स फैक्ट्री में ड्राइवर था। लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद होने से वह घर वापस लौटने के लिए झांसी से गोरखपुर जाने वाली श्रमिक ट्रेन में सवार हुआ था। वह मुंबई से झांसी तक बस से आया था।

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