New Delhi : स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन ने कहा है – कोरोना वायरस के लिए देश में वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया जोरों पर है। अक्टूबर तक कुछ कंपनियों को इसकी प्री-क्लीनिकल स्टडीज तक पहुंचने में सफलता मिल सकती है। दुनियाभर में वैक्सीन बनाने की चार प्रक्रिया है। भारत में इन चारों पद्धतियों का इस्तेमाल कोरोना की वैक्सीन बनाने में किया जा रहा है।
There are about a total of 30 groups in India, big industry to individual academics, who are trying got develop vaccines, of around 20 are keeping a good pace: Principal Scientific Advisor (PSA) to the Government of India Prof K. Vijay Raghavan pic.twitter.com/gWQOS4kCPY
— ANI (@ANI) May 28, 2020
प्रोफेसर राघवन ने कहा – आम तौर पर वैक्सीन बनाने में 10 से 15 साल लग जाते हैं और उनकी लागत 20 करोड़ से 30 करोड़ डॉलर तक आती है। चूंकि कोविड-19 के लिए एक साल में वैक्सीन डेवलप करने का लक्ष्य है, ऐसे में खर्च बढ़कर सौ गुना यानी 20 अरब से 30 अरब डॉलर हो सकता है।
प्रोफेसर के. विजय राघवन ने कहा – वैक्सीन हम सामान्य लोगों को देते हैं न कि बीमार और किसी भी अंतिम स्टेज के मरीज को, इसलिए जरूरी है कि वैक्सीन की गुणवत्ता और सुरक्षा को पूरी तरह से टेस्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के पांच काम करने चाहिए। खुद को साफ रखें, सतह को साफ रखें, शारीरिक दूरी रखें। ट्रैकिंग और टेस्टिंग जरूरी है।
उन्होंने कहा – भारत में तैयार वैक्सीन दुनिया में बेहतरीन गुणवत्ता का है। यह देश के लिए गौरव की बात है कि दुनियाभर के बच्चों को जो तीन वैक्सीन दी जाती है, उनमें दो भारत में बनते हैं। पिछले कुछ वर्षों में वैक्सीन कंपनियां न केवल उत्पादन कर रही हैं, बल्कि वो आर एंडडी में भी निवेश कर रही हैं। इसी तरह हमारे स्टार्टअप्स भी इस क्षेत्र में बड़ा योगदान कर रहे हैं। साथ ही, व्यक्तिगत स्तर पर एकेडमिक भी यह काम कर रहे हैं।
#WATCH Health Ministry briefing on COVID19 situation in the country https://t.co/y0NHeCH67H
— ANI (@ANI) May 28, 2020
इस मौके पर नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पाल ने कहा – हमारे संस्थान बहुत ही मजबूत हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को वैक्सीन और दवाओं के माध्यम से जीता जाएगा। हमारे देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान और फार्मा उद्योग बहुत मजबूत हैं। सारा तंत्र इस लड़ाई में लगा हुआ है। ICMR फोर फ्रंट पर है। पीएम मोदी ने आह्वान किया था कि लोग नई खोज करें और मानवता के लिए काम करें।