स्वदेशी शान : एयरफोर्स चीफ भदौरिया ने फाइटर प्लेन तेजस से उड़ान भरी, अब ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ गौरव

New Delhi : स्वदेशी विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन बुधवार को वायुसेना में शामिल हो गई। इसे फ्लाइंग बुलेट्स नाम दिया गया है, जिसकी शुरुआत वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने तेजस लड़ाकू विमान उड़ाकर की। कोयंबटूर के सुलूर एयरबेस से ये उड़ान भरी गई। भदौरिया ने अब तक राफेल लड़ाकू विमान सहित 28 से ज्यादा तरह के विमानों को उड़ाया है। भदौरिया क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं।

तेजस से लैस दूसरी और वायुसेना की 18वीं स्क्वाड्रन की स्थापना 1965 में की गई थी। पाकिस्तान के साथ 1971 में इसकी अहम भूमिका रही थी। इस स्क्वाड्रन को 15 अप्रैल 2016 को हटा दिया गया था। इससे पहले इसमें मिग-27 विमान शामिल थे। इस स्क्वाड्रन का कूट नाम ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ रखा गया है। वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कहा- स्क्वाड्रन (बेड़े) में हल्के लड़ाकू विमान तेजस को शामिल किया गया है। तेजस विमानों वाली भारतीय वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन है।
तेजस चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित किया गया है। भारतीय वायुसेना ने पहले ही 40 तेजस विमानों का आर्डर दिया है और जल्दी ही एचएएल को 83 और विमानों का आर्डर दिया जा सकता है, जिसमें लगभग 38,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
तेजस से लैस दूसरी और वायुसेना की 18वीं स्क्वाड्रन की स्थापना 1965 में की गई थी और इसका आदर्श वाक्य है ‘तीव्र और निर्भय’। पाकिस्तान के साथ 1971 सक्रिय भूमिका निभाने वाली इस स्क्वाड्रन को 15 अप्रैल 2016 को सेवामुक्त कर दिया गया था। इससे पहले इसमें मिग-27 विमान शामिल थे। स्क्वाड्रन को 01 अप्रैल 2020 को पुनः शुरू किया गया था। इस स्क्वाड्रन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति द्वारा ध्वज प्रदान किया गया था।

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