अंतिम फैसला-सीमा पर बनती रहेगी सड़क, अपने जवानों से लड़ने कंटीले तार साथ लाये थे कायर चीनी

New Delhi : सीमा पर चीनी सेना के साथ जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया है कि चीन सीमा पर सड़क का निर्माण जो चल रहा है वो चलता रहेगा। उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक कर लद्दाख के ताजा हालात का जायजा लिया। एक घंटे तक बैठक चली, जिसमें भारत किस तरह चीन का जवाब दे रहा है इसकी जानकारी राजनाथ सिंह को दी गई। बैठक में तय हुआ है कि चीन के साथ जारी मौजूदा विवाद को बातचीत और डिप्लोमेटिक मोर्चे पर सुलझाया जायेगा। लेकिन, भारतीय सेना जहां पर अभी डटी हुई है वहां रहेगी। इसके अलावा भारत ने जो सड़क निर्माण का काम शुरू किया है, वो पूरी तरह से जारी रहेगा।

इधर एक खबर आई है कि पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग त्सो झील वाले इलाके में 5 मई को हुई झड़प के वक्त चीन के सैनिक अपने साथ डंडे, कांटेदार तार और पत्थर लेकर आए थे। न्यूज एजेंसी एनएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये रिपोर्ट दी है। इसके मुताबिक चीन की सेना का रवैया पाकिस्तान समर्थित उन पत्थरबाजों जैसा था, जो कश्मीर में भारतीय जवानों पर हमला करते हैं।
चीन के सैनिक संख्या में भारतीय जवानों से ज्यादा थे, फिर भी अन-प्रोफेशनल तरीके से पेश आए और बेवजह की उग्रता दिखाई। उनका रवैया बिल्कुल गुंडों जैसा था। उन्होंने भारतीय जवानों के चारों ओर टिड्डियों जैसा घेरा बना लिया था। दूसरी ओर भारतीय जवान कभी भी इस तरह की हरकत नहीं करते, जबकि सालभर छोटी-मोटी झड़पें होती रहती हैं।
उस दिन शाम के वक्त झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।

लद्दाख में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है। चीन ने नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय इलाकों में घुसपैठ कर अस्थाई ठिकाने बना लिए हैं। उसने एलएसी के पास करीब 5 हजार सैनिक तैनात कर दिए हैं। जवाब में भारतीय सेना ने भी जवानों की संख्या बढ़ा दी है। चीन के रवैए को देखते हुए आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ने की आशंका बनी हुई है।

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