New Delhi : भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की है। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन में बढ़े तनाव के बीच सीमा के पास चीन ने अलग-अलग स्थानों पर 5000 सैनिकों को तैनात कर दिया है। भारत भी इसी अनुपात में यहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। भारत दूसरे इलाकों में भी सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहा है, ताकि चीनी सेना वहां से अतिक्रमण ना कर सके।
#IndiaChina We did not have 24/7 TV channels, social media was but a twinkle in some eye, and we were able to command the narrative in the public space with much more sobriety and caution. Pity that our official spokesmen are so tongue-tied in the face of a runaway media today.
— Nirupama Menon Rao, निरुपमा राउ, بینظیر (@NMenonRao) May 26, 2020
दौलतबेग ओल्डी और इससे जुड़े इलाकों में भारतीय सेना की 81 और 114 ब्रिगेड चीनी सैनिकों को रोकने के लिए तैनात है। वायुसेना की मदद से यहां सैनिकों को हेलिकॉप्टरों के जरिए पहुंचाया जा रहा है। भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक और भारी गाड़ियां लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दोनों तरफ पैंगोंग त्सो झील और फिंगर एरिया में भारतीय क्षेत्र तक आ चुकी हैं।
भारतीय सैनिकों की तैनाती बढ़ाने की वजह ये है कि लद्दाख में एलएसी के साथ क्षेत्रीय स्तर की वार्ता का कोई हल नहीं निकला है। ऐसे में भारतीय सेना ने एलएसी के पास चीनी सैनिकों की तैनाती की खबरों के बीच उत्तराखंड में अपने सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई है।
वेस्टर्न सेक्टर के हिस्से पूर्वी लद्दाख में भी अतिरिक्त सैनिकों को शामिल किया गया है। 24 घंटे निगरानी बढ़ा दी गई है। गुल्डॉन्ग सेक्टर में चीनी सैनिकों की संख्या में इजाफे के बाद मिडिल सेक्टर के हिस्से उत्तराखंड में एलएसी के आस-पास पिछले कुछ दिनों में सैनिक बढ़ाये गये हैं।
Has #China's belligerence in #Ladakh been triggered by India's abrogation of #Article370 and 35A – also declaring Ladakh as a Union Territory? A revealing piece by @PStobdan. Thanks @Krittivasm for the pointer. https://t.co/lTOjIGglHb #IndiaChinaBorder #indiachina
— GhoseSpot (@SandipGhose) May 26, 2020
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक हमने हर्सिल में भी सेना को मज़बूत किया है क्योंकि रिपोर्ट्स थीं की चीन की तरफ से एलएसी की दूसरी तरफ के सेक्टर में सैनिकों की हलचल बढ़ी है। पूर्वी लद्दाख में सर्विलांस को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त टुकड़ियां शामिल की गई हैं, साथ ही 24 घंटे सर्विलांस हो रहा है। फिजिकल पेट्रोलिंग बहुत मुश्किल होती है और इसके लिए ज्यादा वक्त भी चाहिये और सैनिक भी, लेकिन UAVs से एलएसी के नजदीक किसी भी गतिविधि होने की स्थिति में हमें खबर मिलती रहती है।
सूत्रों का कहना है कि भारतीय चौकियों को मजबूत करने और भंडार बनाने के लिए लद्दाख में सैनिकों की ताजा तैनाती की गई है। कुछ विशेष सैनिकों को बाहर से तैनात किया गया है, वहीं बाकी के सैनिक लूप बटालियन के रूप में मौजूद हैं। लूप बटालियन्स की सियाचिन जैसे दुर्गम इलाकों में ही तैनाती की जाती है। एक अधिकारी कहते हैं कि लद्दाख में सैनिकों की तैनाती अचानक किसी चीनी गतिविधि होने की आशंका के चलते बढ़ाई गई है।
#laddakh #chinaindiaborder #China #indiachina #IndiaChinaTension
Analysis: Pakistan factor behind India-China stand-off in Ladakh
Pressure points: An Army patrol along the Line of Actual Control.
Pressure points: An Army patrol along the Line of Actual ControlCont * pic.twitter.com/hK6Zu42gc1
— Gowhar Nazir | گوہر نذیر (@Gowharsgr) May 26, 2020
लद्दाख में भारत की प्रमुख रणनीतिक संपत्ति 255 किलोमीटर की दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क है जो पिछले साल पूरी हुई थी। यह दौलत बेग ओल्डी तक भारतीय सेना की पहुंच को बढ़ाती है। जहां वायुसेना ने 2008 में एक एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड को फिर से सक्रिय किया है। इस रणनीतिक सड़क का निर्माण 2001 में शुरू हुआ था।
वास्तविक सड़क का उद्घाटन पिछले अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया गया था, जिसके बाद श्योक नदी पर 1400 फीट का पुल खोल दिया गया। इसे आधिकारिक तौर पर कर्नल चेवांग रिनचेन सेतु कहा जाता है। यह पुल काराकोरम और चांग चेनमो पर्वतमाला के बीच मौजूद है और गलवान और श्योक नदियों के संगम के नॉर्थ में है।