New Delhi : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर का मानना है कि पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर में बहुत ज्यादा संभावनाएं थीं लेकिन वे अपने गुस्से और भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुये उन्होंने बताया – गंभीर का गुस्सा और भावना पर नियंत्रण की कमी एक कारण हो सकता है, जिसके चलते उनका करियर छोटा था।
वेंगसरकर ने कहा – अंडररेटेड खिलाड़ी थे गौतम गंभीर। बहुत सारी प्रतिभा थी लेकिन वह अपने गुस्से और भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर सकता था। मुझे लगता है कि उसके पास इस तरह की क्षमता थी कि उसे भारत के लिये और अधिक खेलना चाहिये था। गौतम गंभीर ने हाल ही में पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद के साथ गरमागरम बहस की। उन्होंने चयनकर्ताओं और टीम से बाहर किये गये खिलाड़ियों के बीच संवाद की कमी के बारे में शिकायत की।
गंभीर ने कहा था- जब मुझे 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ 1 टेस्ट के बाद ड्रॉप किया गया था, तो कोई संवाद नहीं था। आप करुण नायर को देखें जिन्होंने कहा है कि उन्हें कोई स्पष्टता नहीं दी गई है। आप युवराज सिंह को देखें … आप सुरेश रैना को देखें। देखिए अंबाती रायडू के साथ क्या हुआ – आपने उन्हें दो साल के लिये चुना। दो साल उन्होंने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की। और विश्व कप से ठीक पहले, आपको 3-डी की जरूरत थी? क्या इस तरह का बयान आप देखना चाहते हैं? चयनकर्ताओं का एक अध्यक्ष कहे कि हमें 3-डी क्रिकेटर की आवश्यकता है? गंभीर ने एमएसके प्रसाद से सवाल किया था।