New Delhi : अभी तक रेलवे से देश में 45 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचा दिया गया है। इसमें से 80 फीसदी मतलग 36 लाख मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश भेजे गये हैं। अगले दस दिनों में 36 लाख श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया जायेगा। इसके अलावा बसों से भी 40 लाख श्रमिकों को घर पहुंचाया गया है। अगर पैदल, साइकिल और ट्रकों में लदकर जानेवाले मजदूरों की संख्या जोड़ ली जाये तो यह संख्या डेढ़ करोड़ से ऊपर तो होगी ही।
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— ANI (@ANI) May 23, 2020
प्रवासी श्रमिकों की इस आवाजाही ने आर्थिक उन्नयन और प्रोडक्शन का पूरा समीकरण बिगाड़ कर रख दिया है। दिल्ली एनसीआर के मालिक रो रहे हैं कि अब जब सरकार सबकुछ खोलना चाह रही है तो मजदूर ही नहीं हैं। वे मजदूरों को हर जरूरत पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं लेकिन कोई रुक नहीं रहा है। अब दिक्कत ये है कि जो कुशल कामगार थे या फिर सालों से काम करके किसी भी फैक्ट्री की रीढ़ बन गये थे वे उन जगहों पर चले गये जहां उनके लायक काम ही नहीं है और जो हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र लौट कर आये हैं, उनको उस तरह के कार्य का अनुभव नहीं है।
Two hundred Mail Express trains will be run from June 1, said Railway Board Chairman Vinod Kumar Yadav here on Saturday.
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— ANI Digital (@ani_digital) May 23, 2020
बहरहाल रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने शनिवार 23 मई को प्रेस कान्फ्रेन्स में कहा – अभी तक 45 लाख श्रमिकों को घरों तक पहुंचाया गया है। इनमें से 36 लाख श्रमिकों को एक से दूसरे राज्य ले जाया गया तो 10 लाख श्रमिकों को राज्य के भीतर ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि सबसे अधिक ट्रेनें यूपी और बिहार के लिए चल रही हैं। अभी तक कुल 80 प्रतिशत ट्रेनें यूपी और बिहार गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जरूरत पड़ेगी, श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी।
A Shramik Special train carrying 1,520 passengers left from Bengaluru Cantonment Railway Station today (in Karnataka) for Katihar (in Bihar): South Western Railway. #Karnataka pic.twitter.com/x4TzHsYMx1
— ANI (@ANI) May 23, 2020
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा – अगले 10 दिनों में 2600 ट्रेनों के जरिए 36 लाख यात्रियों को घर पहुंचाया जाएगा। राज्य सरकारों से कहा गया है कि हम राज्य के भीतर भी ट्रेन चलाने को तैयार हैं। जो भी राज्य सरकार डिमांड करती है वहां ट्रेन सुविधा दी जा सकती है। रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि अब तक 48.5 प्रतिशत (1246) ट्रेनें उत्तर प्रदेश गई हैं तो 31.3 फीसदी (804) ट्रेनें बिहार गई हैं। इसके बाद 112 ट्रेनें मध्य प्रदेश, 124 ट्रेनें झारखंड गई हैं। 19 मई से 200 से अधिक ट्रेनें चल रही हैं। सबसे अधिक 279 ट्रेनें 20 मई को चलीं। 21 को 265 और 22 मई को 255 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि 1 जून से शुरू की जा रही 200 ट्रेनों के लिए किराया नहीं बढ़ाया गया है। लॉकडाउन से पहले जो किराया था वह अब भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गैर जरूरी यात्राओं में कमी के उद्देश्य से रियायतों को रोका गया है।
Cyclone was a natural calamity. West Bengal Chief Secy wrote to me that restoration work is underway & they'll tell us soon when they'll be able to receive the trains. As soon as they give us a clearance, we'll run the trains to West Bengal: Railway Board Chairman Vinod Kr Yadav https://t.co/8vbV01PPOw pic.twitter.com/IbXb4e6VpJ
— ANI (@ANI) May 23, 2020
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि 2011 जनगणना के मुताबिक देश में 4 करोड़ प्रवासी हैं। अभी 200 से ज्यादा ट्रेनें हर दिन चल रही हैं। 40 लाख श्रमिकों को बसों के जरिए भी ले जाया गया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा – रेलवे ने राज्यों को अपनी जरूरतें बताने को कहा है। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति की बहाली की दिशा में रेलवे मंत्रालय की तरफ से 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी। हमने 5 हजार कोच को कविड-19 केयर सेंटर्स के तौर पर तब्दील किया, जिनमें 80 हजार बेड थे। इनमें से करीब 50 प्रतिशत कोच का इस्तेमाल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए किया है। अगर जरूरत पड़ी तो उसे फिर से कोविड-19 केयर के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
Uninterrupted freight movement operations by Ministry of Railways have ensured delivery of 9.7 million tonnes of food grain between 1st April and 22nd May; 3255 new Parcel Special Trains have been run since 22nd March: Vinod Kumar Yadav, Chairman, Railway Board pic.twitter.com/ScgAybIxMA
— ANI (@ANI) May 23, 2020
गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्ताव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं। राज्यों को इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं। 24 घंटे हेल्पलाइन और नॉडल ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं। राज्यों को प्रवासी मजदूरों को जानकारी देने को कहा गया है। इसके साथ ही, सभी जरूरी चीजों के इंतजाम कर रहे हैं और राज्यों को इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं। इस समय रेल प्रतिदिन 200 से ज्यादा चल रही हैं।