New Delhi : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर कहा – कोरोना महामारी का इस्तेमाल एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत फैलाने और समाज को बांटने के लिये किया जा रहा है। एसोसिएशन ने अपनी कार्यकारिणी की एक विशेष बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया और इसे राष्ट्रपति के पास भेजा है। प्रस्ताव में महामारी से निपटने के तौर-तरीकों पर गहरी चिंता प्रकट की गई है।
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने आम आदमी, मुख्य रूप से दिहाड़ी मजदूरों के प्रति पूरी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा- जो प्रवासी मजदूर बड़े शहरों से अपने गांव और कस्बे लौट रहे हैं, उन लोगों की कोई गलती नहीं है। यह हम सबके लिये बहुत दुख का विषय है कि कोरोना महामारी का इस्तेमाल एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत फैलाने के लिये किया जा रहा है।
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के सचिव प्रो नजमुल इस्लाम ने कहा- हमारा मानना है कि देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जीत तभी हासिल होगी, जब हम सब एकजुट होकर इसका मुकाबला करेंगे।
उत्तर प्रदेश में 764 प्रवासी मजदूरों में कोरोना वायरस के लक्षण पाये गये हैं । इनके नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गये हैं। आशा सेविकायें लगातार प्रवासी मजदूरों की ट्रैकिंग कर रहीं हैं। अब तक 658982 श्रमिकों की ट्रैकिंग की जा चुकी है। प्रवासी मजदूरों में संक्रमण का प्रतिशत काफी ज़्यादा है। 60 साल के ऊपर बुज़ुर्गों में संक्रमण का प्रतिशत काफी काम हुआ है। एक माह पहले 60 साल के ऊपर के बुज़ुर्ग 9 प्रतिशत के हिसाब से संक्रमित हो रहे थे, अब वही प्रतिशत 6.5 रह गया है । पिछले 24 घंटों में 263 कोरोना संक्रमितों के नए मामले सामने आये हैं। इस तरह अब तक पूरे प्रदेश भर में 5778 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। 3238 मरीज़ डिस्चार्ज हो चुके हैं।