New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन की वजह से पूरा देश परेशान है। मजदूरों को काम नहीं मिल रहा। छोटे मोटे उद्योगों से जुड़े कामगारों को दो महीने से काम का इंतजार है। सारे फैक्ट्री बंद हैं। घरों तक में काम बंद हैं। ऑटो, रिक्शा भी बंद हैं। ऐसे कामगारों ने दो महीने तो जैसे तैसे बिता लिये लेकिन अब इनको रोक पाना मुश्किल है। कामगारों और मजदूरों के लिये केंद्र सरकार ने तो स्पेशल ट्रेनें चलाईं हैं, श्रमिक ट्रेनें भी चलाईं। लेकिन ये नाकाफी निकले। अब भी मजदूर पैदल सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर पैदल जा रहे हैं। ऐसे कामगारों के लिये मददगार बनकर सामने आये हैं बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद।
शनिवार 16 मई को उन्होंने यूपी-बिहार-झारखंड के प्रवासी मजदूरों से भरी बसों को मुंबई से रवाना किया। उन्होंने सभी तरह की सरकारी अनुमति के साथ मजदूरों को मुम्बई से भेजा। प्रवासी मजदूरों से भरी कई बसें शनिवार को मुंबई के वडाला इलाके से लखनऊ, हरदोई, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के लिए रवाना हुईं।
इस बारे में बात करते हुए सोनू ने कहा – ये मेरे लिए बहुत भावुक यात्रा रही है क्योंकि इन प्रवासियों को अपने घरों से दूर सड़कों पर घूमते हुये देख मुझे बहुत दुःख हुआ। मैं प्रवासियों को घर भेजना तबतक जारी रखूंगा जब तक कि अंतिम प्रवासी अपने घर और चाहने वालों से ना मिल जाये। ये काम वास्तव में मेरे दिल के करीब है और मैं इसमें अपना सबकुछ लगा कुछ दूंगा। इसके अलावा सोनू ने रमजान के दौरान वंचित परिवारों के बीच खाना बंटवाने का भी इंतजाम किया है। वे भिवंडी क्षेत्र में प्रवासियों के लिए भोजन किट पहुंचवा रहे हैं। उन्होंने मुंबई स्थित अपने होटल को भी कोरोना से लड़ रहे मेडिकल स्टाफ को रहने के लिये दिया है। पंजाब में डॉक्टरों के लिए भी 1,500 से ज्यादा पीपीई किट वितरित करवाए हैं।
जरूरत के वक्त सोनू सूद ने हर बार आगे आकर देश और देशवासियों की मदद की है। इससे पहले उन्होंने पुलवामा सर्वाइवर्स को जिम और साइकिल सौंपी थी। वे कई एसिड अटैक सर्वाइवर्स की भी मदद कर चुके हैं। उन्होंने पैरालम्पिक एथलीटों को भी अपना समर्थन दिया था।
हाल ही में सोनू ने मुंबई में फंसे कर्नाटक के 350 से ज्यादा मजदूरों की मदद करते हुए उन्हें गुलबर्गा पहुंचाया था। इसके लिए 10 बसों का पूरा खर्चा उन्होंने ही उठाया था। तब भी उन्होंने दोनों राज्यों से सभी तरह की अनुमति लेने के बाद ये काम किया था। सोनू सूद ने इन जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। सोनू ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 10 बसों का इंतजाम किया। बसों में कामगारों को बिठाकर उन्होंने विदा भी किया। वे खुद बस से विदा करने गये थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर काफी वायरल हो रहा है।
सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में कहा – कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हम सभी को साथ आना होगा। कई लोग बेरोजगार हो गये हैं तो किसी के पास खाने और रहने की सुविधा नहीं है। यह एक मुश्किल वक्त है। इन लोगों की मदद के लिए हमने खास फूड और राशन ड्राइव चलाया है। ये मेरे पिता के नाम पर है और इसका नाम शक्ति आनंदनम है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस ड्राइव के जरिए हम ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकेंगे।
हाल ही में सोनू ने फीवर डिटजिटल 100 Hours 100 Stars में बात करते हुए कहा था – जो लोग इन दिनों बोर हो रहे हैं वे दूसरों के लिए समय निकाल सकते हैं। मैं अपने दोस्तों से भी कहता हूं कि आप थोड़ा एक्स्ट्रा खाना बनाएं और किसी जरूरतमंद इंसान या उनके परिवार को दें। अगर ऐसा होता है तो कोई भी खाली पेट नहीं सोएगा। इसके साथ ही सोनू ने कोरोना वॉरियर्स के लिए अपना होटल भी दिया है। मेडिकल वर्कर्स उनके होटल शक्ति सागर में आराम करने और सोने आ सकते हैं।