New Delhi : आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुये वित्त मंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं की। सरकार ने आर्म्स आपूर्ति और निर्माण क्षेत्र और कोयला माइनिंग क्षेत्र को कमर्शियल सेक्टर के लिये खोल दिया। आर्डिनेन्स फैक्ट्री बोर्ड का कमर्शियलाइजेशन किया जायेगा। आज 16 मई को कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयर स्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट्स, मेंटेनेंस एंड ओवरहॉल, केंद्र शासित प्रदेशों में पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को लेकर घोषणाएं की गई।
A Tariff policy with reforms will be released, including consumer rights, promotion of industry and sustainability of sector: Finance Minister Nirmala Sitharaman. pic.twitter.com/OFBvmBakUl
— ANI (@ANI) May 16, 2020
वित्त मंत्री ने कहा – भारत दुनिया के तीन सबसे बड़े कोयला भंडारण क्षमता वाले देशों में शामिल है। कोयला खदान की नीलामी के नियम आसान बनायेंगे। 50 नए कोयला ब्लॉक्स उपलब्ध करवाये जायेंगे। कोल माइनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये दिये जायेंगे। पारदर्शी ऑक्शन के जरिए 500 माइनिंग ब्लॉक उपलब्ध करवाये जायेंगे। एल्युमिनियम इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोल ब्लॉक्स का जॉइंट ऑक्शन किया जायेगा। मिनरल इंडेक्स बनाया जाएगा। स्टांप ड्यूटी में राहत दी जायेगी।
सुरक्षा बलों को आधुनिक हथियारों की जरूरत है। डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स से सलाह कर धीरे-धीरे कुछ हथियारों के इंपोर्ट पर रोक लगाएंगे। क्वालिटी का ध्यान रखते हुए घरेलू प्रोडक्शन बढ़ाएंगे। आर्म्स प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता लाने के लिए मेक इन इंडिया को बल देना जरूरी है। भारत ने इस दिशा में कई कदम उठाये हैं। हथियारों की लिस्ट को नोटिफाइ किया जाएगा और आयात पर बैन लगाया जाएगा। साल दर साल भारत में ही हथियारों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा और जो पुर्जे आयात करने पड़ते हैं उनका भी उत्पादन देश में ही किया जाएगा। इसके लिए अलग से बजट दिया जाएगा।
Govt will introduce competition, transparency, and private sector participation in the Coal Sector through revenue sharing mechanism instead of the regime of fixed rupee/tonne: Finance Minister Nirmala Sitharaman. #EconomicPackage pic.twitter.com/gMzYOSkbXU
— ANI (@ANI) May 16, 2020
इससे रक्षा आयात खर्च होगा और उन कंपनियों को लाभ होगा जो भारत में सेना के लिए हथियार बनाएंगी। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ऑर्गनाइजेशन को निगमीकृत किया जाएगा। वित्त मंत्री ने जोर दिया कि कामकाज में सुधार के लिए निगमीकृत किया जाएगा, निजीकरण नहीं किया जाएगा। इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाएगा। आम लोग इसके शेयर खरीद सकेंगे। रक्षा उत्पादन में एफडीआई सीमा को 49 पर्सेंट से बढ़ाकर 74 पर्सेंट किया जा रहा है।