New Delhi : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 15 मई को अजान के समय लाउडस्पीकर के प्रयोग पर बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने माना कि लाउडस्पीकर से अजान पर प्रतिबंध वैध है। किसी भी मस्जिद से लाउडस्पीकर से अजान दूसरे लोगों के अधिकारों में हस्तक्षेप करना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट अजान के समय लाउडस्पीकर के प्रयोग से सहमत नहीं है। कोर्ट ने कहा – अजान इस्लाम का अहम हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही जावेद अख्तर ने भी टवीट कर कहा था कि लाउड स्पीकर से अजान गलत है। भारत में पचास साल तक लाउडस्पीकर से अजान पढ़ना हराम था। फिर एकाएक शुरू हो गया। लाउड स्पीकर से अजान एकदम गलत है। क्योंकि ये दूसरों की परेशानी का सबब बनता है।
In India for almost 50 yrs Azaan on the loud speak was HARAAM Then it became HaLAAL n so halaal that there is no end to it but there should be an end to it Azaan is fine but loud speaker does cause of discomfort for others I hope that atleast this time they will do it themselves
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 9, 2020
बहरहाल आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है – लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का धार्मिक भाग नहीं है। अजान इस्लाम का धार्मिक भाग है। मानव आवाज में मस्जिदों से अजान दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा है कि ध्वनि प्रदूषण मुक्त नींद का अधिकार जीवन के मूल अधिकारों का हिस्सा है। किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी और फर्रूखाबाद के सैयद मोहम्मद फैजल की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। गाजीपुर से बसपा के सांसद अफजाल अंसारी ने जिलाधिकारी के मस्जिदों मे लाकडाउन के दौरान अंजान पर लगायी रोक के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट मे याचिका दाखिल की थी।
गाजीपुर की मस्जिदों में अजान पर रोक के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजीपुर के डीएम के आदेश को रद करते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकर के बिना अजान की अनुमति दे दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा – मस्जिदों में अजान से कोविड-19 की गाइडलाइन का कोई उल्लंघन नहीं होता। अजान के समय लाउडस्पीकर के प्रयोग से सहमत नहीं है। मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान पर रोक वैध है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश का सभी जिलाधिकारियों से अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।
You dont need to prove your secularism by asking for a ban on loud speakers for azaan alone.
There should be a blanket ban on use of loud speakers- be it for any Ganesh chaturti, azaan, Sunday mass or any religious purposes
Not to forget the noise in VIP weddings too!
— Dr. Syeda Uzma (@sane_indian) May 9, 2020
दरअसल शिकायतकर्ताओं ने लाउडस्पीकर से मस्जिद से रमजान माह में अजान की अनुमति न देने को धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने की मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की मांग की। मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर ली और सरकार से पक्ष रखने को कहा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने साफ कर दिया है कि लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का धार्मिक भाग नहीं है। स्पीकर से अजान पर रोक सही है। कोर्ट ने कहा कि जब स्पीकर नहीं था तो भी अजान होती थी, इसलिए यह नहीं कह सकते कि स्पीकर से अजान रोकना अनुच्छेद 25 के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन है।
कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 स्वस्थ जीवन का अधिकार देती है। वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी को भी दूसरे को जबरन सुनाने का अधिकार नहीं देती है। एक निश्चित ध्वनि से अधिक तेज आवाज बिना अनुमति बजाने की छूट नहीं है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक स्पीकर की आवाज पर रोक का कानून है। कोर्ट के कई फैसले हैं, जिस पर नियंत्रण का सरकार को अधिकार है।
Disagree with your opinion.
Plz. Don't pass such comments which is related to Islam & beliefYou must know that we are not running high volume songs every time & playing in hands of evil
Adaan is the most beautiful invitation for coming to prayer & walk on right track of life.
— Azhar (@AzharJeddah2003) May 9, 2020
कोरोना महामारी से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी प्रकार के आयोजनों एवं एक स्थान पर इकट्ठा होने पर उत्तर प्रदेश में रोक लगायी गयी है। इसी आदेश के तहत लाउडस्पीकर बजाने पर भी रोक है। मगर गाजीपुर के बसपा सांसद अफजाल अंसारी को यह नागवार गुजरा और वे शिकायत लेकर कोर्ट पहुंच गये।