New Delhi : PM Narendra Modi की राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना आपदा और लॉकडाउन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये विचार विमर्श के दौरान मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने कोरोना से लड़ाई में अच्छी सक्रियता दिखाने और जमीनी स्तर के अनुभव से जुड़ी कीमती सलाह के लिए मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा – मैं आप सब से निवेदन करता हूं कि 15 मई तक अपने राज्य में कैसे लॉकडाउन लागू करना चाहते हैं, इसे लेकर अपनी रणनीति जाहिर करें। मैं चाहता हूं कि राज्य लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद की बारीकियों का एक ब्लूप्रिंट तैयार करें। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहे।
I (PM Modi) request you all to share with me by May 15, a broad strategy on how each one of you would want to deal with lockdown regime in your particular states. I want states to make a blueprint on how to deal with various nuances during&after gradual easing of lockdown: PMO pic.twitter.com/INMfiYQFev
— ANI (@ANI) May 11, 2020
Prime Minister said he continues to feel optimistic, when not even a single state sounded despondent & that this collective determination will make India win in its fight against #COVID19. PM said that post-COVID era also brings opportunities that India must leverage: PM's Office https://t.co/NcwNK4kDKy
— ANI (@ANI) May 11, 2020
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले – केंद्र लॉकडाउन पर जो भी फैसला लेगा हम उससे सहमत होंगे, लेकिन हमारी सलाह है कि मई के अंत तक लॉकडाउन बढ़ाया जाये। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा – मई मे तो कोरोना पीक पर है ही। जून और जुलाई में भी कोरोना अपने पीक पर होगा। इसलिये केंद्र सरकार को कोई भी फैसला बेहद सावधानीपूर्वक और इस परिप्रेक्ष्य में लेना चाहिये। स्टेट पुलिस कोरोना में पूरे सिस्टम को बहाल रखने को लेकर बहुत दबाव में है। पुलिस के जवान लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। केंद्र सरकार को राज्यों को केंद्रीय सुरक्षा बल मुहैया कराना चाहिये।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा – मैंने वुहान केस बहुत स्टडी किया है। WHO भी चेता रहा है। हमलोगों को इस बात के लिये मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिये कि जून और जुलाई महीने में कोरोना पीक पर रहेगा। और इसी हिसाब से फैसले करने चाहिये। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिजनेस एक्टिविटी शुरू करने की रिक्वेस्ट की।
I request that if the need arises the state should be given central forces as police are under heavy pressure and their personnel are also getting infected: Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray during video conference with Prime Minister Narendra Modi today #COVID19 https://t.co/bL4lrVtmsj
— ANI (@ANI) May 11, 2020
अरविंद केजरीवाल ने कहा – दिल्ली के कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी इलाकों में हमें बिजनेस और आर्थिक गतिविधयां शुरू करने की छूट मिलनी चाहिये। पब्लिक बिजनेस और इकोनामिक गतिविधिया बंद रहने की वजह से पब्लिक बहुत परेशान हो गई है। कोई न कोई तरीका निकालना होगा। कोरोना के साथ जीना सीखना ही होगा। बिजनेस एक्टिविटी शुरू नहीं हुईं तो लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी होगी। इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान कहा – एक राज्य के तौर पर हमने कोरोना संक्रमण से लड़ने में बेहतर कर रहे हैं। केन्द्र को इस मुश्किल घड़ी में राजनीति नहीं करनी चाहिये। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य बड़े राज्यों से घिरे हुए हैं और इसका सामना करना चुनौतीपूर्ण है।
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के दौरान कहा कि हमने इस बात पर जोर दिया कि जो जहां पर हैं वे वहीं पर रहें। लेकिन, घर जाना मानव का स्वभाव है इसलिए कुछ निर्णय बदलने भी पड़े। इसके बावजूद यह सुनिश्चित करना कि यह न फैले और गांव तक न जाये ये हमारे लिए बड़ी चुनौती है। वे उनके घर जाने की जरूरत को समझते हैं।
Economic activities should be allowed to resume in all parts of Delhi except containment zones: Chief Minister Arvind Kejriwal during video conference meet with PM Modi today #COVID19 pic.twitter.com/AP0AJCvGTp
— ANI (@ANI) May 11, 2020
हमारे लिए यह चुनौती है कि कोरोना संक्रमण का फैलाव गांवों में न हो पाये। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक प्रधानमंत्री की बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने में आरोग्य सेतु एप के महत्व और लाउनलोड करने को लेकर इसकी लोकप्रियता के बारे में बात की। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे इस ऐप की महत्व को लोकप्रिय बनाने के लिए कदम उठायें।