सारी खुशियां मां के कदमों में : बेटे अच्छा कमाने लगे तो एक ने मर्सिडीज और दूसरे ने ऑडी गिफ्ट की

New Delhi : आयुष्मान खुराना ने अपनी सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ते ही अपनी मां कके कदमों में वो सबकुछ डाल दिया जो आप सोच सकते हैं। उन्होंने सबसे पहले अपनी मां को एक मर्सडरीज कार मां को गिफ्ट की। उनकी मां पूनम खुराना बताती हैं – आयुष्मान पहली कमाई से मेरे लिए घड़ी लेकर आये थे। अपार शक्ति ने एक पर्स दिया था, जो आज भी मेरे पास है। जब दोनों ज्यादा कमाने लगे तो एक ने मर्सिडीज गिफ्ट की तो दूसरे ने ऑडी कार दिलाई। आज भी जब कभी स्क्रिप्ट को ओके करनी होती है तो हम लोगों को फोन कर आशीर्वाद लेते हैं, उसके बाद ही आगे बढ़ते हैं। मैं उन दोनों के फोन आने पर पूजा कर देती हूं और तब वह लोग आगे किसी को हामी भरते हैं।

आयुष्मान जब 3 साल के थे, तब उनकी दादी ने पूछा था कि क्या बनोगे बड़े होकर तो बोले थे कि एक्टर बनना है। उस पर इनके पापा गुस्सा हुए थे। थप्पड़ भी लगा दिया था। फिर 8 साल की उम्र में आयुष्मान ने अंग्रेजी के नाटकों में पार्टिसिपेट करना शुरू कर दिया। शेक्सपियर का एक नाटक था। मर्चेंट ऑफ वेनिस। वह उन्होंने पूरा इंग्लिश में किया। पापा आयुष्मान को डॉक्टर और अपार शक्ति को वकील बनाना चाहते थे। आयुष्मान 11वीं में साइंस नहीं पढ़ना चाहते थे लेकिन पापा की सख्ती की वजह से उन्हें इसे पढ़ा।
फिर 12वीं के बाद आयुष्मान की जिंदगी में 3 इडियट्स वाला मोमेंट आया। उन्हें मेडिकल में दाखिला मिल गया। फीस भरनी थी। उस वक्त उन्होंने हिम्मत करके पापा से कहा कि उन्हें डॉक्टर नहीं बनना। पहले इंग्लिश ऑनर्स करेंगे और उसके बाद मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करेंगे। पापा ने उन्हें एक टास्क दिया जिसमें आयुष्मान पास हुए। फिर उन्होंने डीएवी चंडीगढ़ से ग्रेजुएशन की। कॉलेज के दिनों में एमटीवी रोडीज में भी शिरकत की। डीएवी कॉलेज में अपना थिएटर ग्रुप बनाया और दिल्ली चले गए। शादी करने के बाद फिर मुंबई गए अपने दम पर आगे बढ़े।
अपार ने भी पढ़ाई के दिनों में पापा की बात मानी। लॉ की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद दिल्ली जाकर कॉर्पोरेट कंपनी ज्वाइन की। लेकिन वहां मन नहीं लगा। फिर एक दिन बिग एफएम में इंटरव्यू दिया। सेलेक्ट हो गए। उसके बाद वह भी मुंबई चले गए और फिर फिल्मों का सफर शुरू हुआ।

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