New Delhi : कोरोना आपदा और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर खासा दबाव पड़ा है। इस कारण विभिन्न उद्योग सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं। वहीं, कपड़ा उद्योग द्वारा राहत पैकेज मांगने पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वह वित्तीय पैकेज मांगना बंद करें और खुद को नये माहौल में ढाले। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को मर्चेन्ट्स चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सदस्यों के साथ बातचीत में ये बात कही।
स्मृति ईरानी ने कहा – कोरोना वायरस महामारी के कारण सरकार पर अच्छा-खासा दबाव है। उद्योग के लिए यह समय आत्ममंथन का है। अब समय नई दिशा और नई सोच का है। उद्योग के पास क्षमता है। अगर वे नये माहौल में खुद को ढालते हैं, तो उन्हें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। जनता एक-एक पाई का हिसाब मांगती है। ईरानी ने डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पिछले डेढ़ महीने में पीपीई बनाये जाने का उदाहरण दिया।
कपड़ा मंत्री ने उद्योग मंडल के सदस्यों से कहा – जो आप पैसे की उम्मीद करते हैं, वह लोगों का पैसा है और अब नागरिक एक-एक पाई का हिसाब मांगती है। ईरानी ने कहा कि सरकार का काम नीति बनाना और समर्थन उपलब्ध कराना है। सरकार मदद के लिए हर संभव उपाय कर रही है। सरकार अपनी ओर से मदद के लिए हर संभव उपाय कर रही है। रिजर्व बैंक पहले ही छूट दे चुका है और बैंक कंपनियों को संकट से पार पाने में मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा – कपड़ा मंत्रालय जूट उद्योग की मदद के लिए कार्य योजना तैयार करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बातचीत कर रहा है। राष्ट्रीय जूट बोर्ड जूट की गुणवत्ता में सुधार के लिए उपायों पर गौर कर रहा है। उद्योग को अपने लाभ का एक हिस्सा जूट की गुणवत्ता में सुधार को लेकर आधुनिकीकरण में लगाने की जरूरत है।