आतंकियों के जनाजे में गन सैल्यूट देने वाला रियाज नायकू एनकाउंटर में मारा गया।

रियाज नाइकू : मैथ्स टीचर से हिजबुल कमांडर बना, 12 लाख का इनामी बुरहान वानी का दोस्त था

New Delhi : 12 लाख का ईनामी रियाज नाइकू गत मंगलवार रात को अपने पैतृक गांव बेगीपोरा आया हुआ था, सुरक्षाबलों को यह बात पता चल गई और उन्होंने उसे घेर लिया। उसके साथ उसका साथ आदिल भी मारा गया है। इस एनकाउंटर के बाद पूरे कश्मीर में एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। बीएसएनएल के अलावा बाकी सभी फोन नेटवर्क भी बंद कर दिये गये हैं।
रियाज नायकू कश्मीर में सबसे ज्यादा समय तक सक्रिय रहने वाला आतंकी था। वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करता था। उसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की A++ कैटेगरी में रखा गया था। उस पर 12 लाख रुपए का इनाम भी था। वह कई पुलिसकर्मियों की किडनैपिंग और उनके मर्डर में शामिल था।

घाटी में बुरहान वानी के खात्मे के बाद रियाज नायकू यहां युवाओं को बरगलाता था और आतंकी तंजीमों में शामिल करता था। 2016-17 तक वह मस्जिदों में जाकर युवाओं को संबोधित करता था। फिर बाद में वह सोशल मीडिया के सहारे युवाओं को आतंक की राह पर धकेलने लगा। दक्षिणी कश्मीर के छह जिलों में नायकू की बड़ी पैठ थी। जम्मू-कश्मीर के कई पुलिसकर्मियों की हत्या के पीछे नायकू का ही हाथ था।
नायकू पाकिस्तान में हिज्बुल के मुखिया सैयद सलाउद्दीन का करीबी बताया जाता था। 2016 में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद नायकू कश्मीर में आतंक का सबसे बड़ा चेहरा बन गया। टेकनॉलजी की अच्छी समझ रखने वाला नायकू हिजबुल में शामिल होने से पहले स्कूली बच्चों को गणित का ट्यूशन पढ़ाया करता था। जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने कहा – रियाज नायकू ने कई सुरक्षाबलों और नागरिकों को मारा था। आतंकवादियों का रोल मॉडल था। इससे आतंकवादी भर्तियों में कमी आयेगी और सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ेगा। जो भी इसकी जगह लेगा उसे भी मौत के घाट उतारा जाएगा।
35 साल का नायकू कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था। 2010 में कश्मीर में जारी उपद्रव के दौरान वह आतंकी बना था। यह उपद्रव टियरगैस शेल लगने से एक बच्चे तुफैल मट्‌टू की मौत के बाद शुरू हुआ था। महीनों तक कश्मीर में पत्थरबाजी होती रही और कर्फ्यू लगा रहा। 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद यासिन इत्तू उर्फ मेहमूद गजनवी हिजबुल कमांडर बना था।

आतंकियों के जनाजे में गन सैल्यूट देने वाला रियाज नायकू एनकाउंटर में मारा गया।

अगस्त 2017 में 18 घंटे चले एक एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने शोपियां में इत्तू को मार गिराया था। इसके बाद रियाज इसका कमांडर बना। नायकू मोहम्मद बिन कासिम कोड नेम से काम कर रहा था। वह बुरहान वानी का करीबी था। 2017 में वह घाटी के 12 टॉप आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। 2018 में सेना की हिट लिस्ट में शामिल 17 आतंकियों में भी नायकू का नाम था।

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