New Delhi : गुजरात के सूरत, कडोदरा बारडोली और पलसाणा में सोमवार को हजारों कामगार अपने प्रदेश जाने की मांग के साथ सड़क पर उतर गये। वरेली इलाके में प्रवासी मजदूर सोमवार को घर जाने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आये। पुलिस पर भी मजदूरों ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले भी दागे।
हजारों कामगार सड़क पर उतर आये। वे अपने प्रदेश जाना चाहते थे। घटना की सूचना पाते ही उच्च अधिकारियों का काफिला आ पहुंचा।
#WATCH Gujarat: A clash erupts between migrant workers & police in Surat. The workers are demanding that they be sent back to their native places. pic.twitter.com/aiMvjHGukY
— ANI (@ANI) May 4, 2020
पुलिस ने श्रमिकों को काफी समझाने का प्रयास, लेकिन वे अपने प्रदेश जाने की मांग पर अड़े रहे। यहां के कपड़ा, डायमंड, रोलिग मिल, कैमिकल सहित कई उद्योगों में बाहर से आये काम करते हैं। दक्षिण गुजरात के सूरत शहर में अब एम्ब्रोयडरी क्षेत्र में भी लाखों मजदूर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। हालांकि देश में कोरोना वायरस के कारण शुरू हुये लॉकडाउन के कारण कामगार बेकार हो गये हैं। इनकी आर्थिक हालत भी खराब हो गई है। राज्य सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी वह इन लाखों कामगारों को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है।
राज्य सरकार ने अन्य राज्यों के कामगारों को उनके प्रदेश भेजने के लिए उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लिए रेलगाड़ियों की व्यवस्था कर रही है। सूरत के पांडेसरा क्षेत्र के 70-80 कामगारों ने मुंडन करवाकर विरोध व्यक्त किया। वहीं, बहुत से श्रमिक बस संचालकों के शोषण का शिकार भी हो रहे हैं। किराया वसूल करने के बाद भी इनके जाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
मकान मालिक किराया मांग रहे हैं। उन्हें दो वक्त की रोट खाने के लिए लाले पड़ गए हैं। ऐसे में उनके और परिवार की हालत खराब है। सरकार से भी उन्हें कोई सहायत नहीं मिल पा रही है।
प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए स्थानीय विधायक एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री किशोर कनानी भी प्रदर्शन स्थल तक पहुंचे।घटनास्थल पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने कहा – ये प्रवासी कामगार अपने मूल निवास स्थान लौटना चाहते हैं। हमने उनसे लॉकडाउन के कारण धैर्य नहीं खोने के लिए कहा है। उनमें से कुछ ने खाने को लेकर शिकायत की। हमने एक एनजीओ को बुलाया और उनके लिए तुरंत फूड पैकेट खरीदे गये। स्थिति अब नियंत्रण में है।
इससे पहले खाजोड़ में तैयार की जा रही एशिया की सबसे बड़ी डायमंड बोर्स में 28 अप्रैल को काम कर रहे मजदूरों ने जमकर हंगामा किया था। लॉकडाउन के बावजूद काम लिए जाने से मजदूरों में गुस्सा है। मजदूरों ने बोर्स के कार्यालय पर पथराव और तोड़फोड़ कर दी थी। मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें खाना नहीं मिल पा रहा है। वे घर भेजे जाने की मांग कर रहे थे। यहां डायमंड बोर्स में करीब 4 हजार मजदूर काम कर रहे हैं।