New Delhi : बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड के मजदूर अपने घरों की ओर विदा क्या हुये पंजाब और हरियाणा के खेतिहर किसानों की जान ही निकल गई। सबकी हरी सब्जियां खेत में ही खराब हो रही हैं। अकेला किसान कितना काटे और कितना बोये। किसानों की हालत खराब है तो इन्होने सरकार से कहा है – किसी भी तरह मजदूरों का इंतजाम कराओ, कोई व्यवस्था करो, नहीं तो सब चौपट हो जायेगा। मंडियों के भी न खुलने से सब्जियों के किसानों की हालत खराब है।
Farmers are facing problems as labourers are leaving for their homes in other states. We don't have enough manpower to pluck vegetables. Our vegetables are rotting as mandis are closed. Mandis should open: Farmer Tara Singh in Ladkiyan Khurd village in Ludhiana, Punjab. #COVID19 pic.twitter.com/nL2n3KfM2R
— ANI (@ANI) May 3, 2020
लुधियाना के लडकिया खुर्द गांव के किसान तारा सिंह कहते हैं – ऐसा कब तक चलेगा। मजदूर नहीं है। खेत ऐसे ही पड़े हैं। बिना मजदूरों के सब्जियां कौन तोड़ेगा। कौन बटोरेगा। एक आदमी कितना काम कर लेगा। मंडियां नहीं खुल रही हैं। सरकार को हर हाल में मंडियां खोलने की व्यवस्था करनी चाहिये। नहीं तो सबकुछ तबाह हो जायेगा।
इधर हरियाणा के हालात भी वैसे ही हैं। तेलंगाना और कर्नाटक भी मजदूरों के पलायन से परेशान है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलने के साथ ही मजदूर अब अपने घर लौटने लगे हैं। और यह उद्योग जगत के लिये बड़ी समस्या हो गई है। यदि मजदूर गांव लौट गये तो फिर फैक्ट्री कैसे चलेंगे। स्थिति को गंभीरता को समझते हुए सीएम, मंत्री सब मजदूरों से अपील करने लगे हैं कि वे घर न जायें। उद्योग धंधे जल्द शुरू हो जायेंगे और सबको काम मिल जायेगा।
उद्योग शुरू हो गए हैं, जो नहीं खुले हैं वो भी कल से शुरू हो जाएंगे, इसलिए मैं प्रवासी श्रमिकों से अनुरोध करता हूं कि आप अभी अपने घर न जाएं, आपको यहां कोई परेशानी नहीं आएगी: हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर pic.twitter.com/bjBa3syDao
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 2, 2020
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान से बात की। सीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया – राज्य सरकार मजदूरों की सभी जरूरतों का ध्यान रखेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के चलते लगे प्रतिबंधों के खत्म हो जाने के बाद आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी, तो मजदूरों को फिर काम मिलना शुरू हो जाएगा। तब तक सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भी मजदूर भूखा नहीं रहे। कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू में आईटी से जुड़ी-जुड़ी सेवाओं के अलावा करीब आठ लाख प्रवासी मजदूर रहते हैं। ठेकेदारों, बिल्डरों, ट्रेड यूनियन और कार्यकर्ताओं का कहना है कि इनमें से लगभग 50 प्रतिशत मजदूर अपने गांवों को लौट जाएंगे। जिसका असर शहर की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
Government to soon announce relief package for MSME sector: Gadkari
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— ANI Digital (@ani_digital) May 2, 2020
तेलंगाना सरकार ने अपने जिला अधिकारियों से कहा है कि वे मजदूरों की पहचान करके उन्हें भरोसा दिलाने की कोशिश करें कि जल्द ही काम शुरू होने वाला है। राज्य के मुख्य सचिव सोमेश कुमार का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग शुरू होने वाले हैं। इसलिए अधिकांश श्रमिकों ने रुकने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मजदूरों से अपील की है – फिलहाल वे जहां हैं, वहीं रहें। हालात धीरे धीरे बेहतर होंगे और उनकी सुविधा का ध्यान सरकार के साथ उद्योग जगत भी रखेंगे। यही नहीं कर्नाटक, तेलंगाना और हरियाणा की सरकारें भी मजदूरों को रोकने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
Telangana: Scores of migrant workers stranded here amid #COVID19 lockdown gathered in Hyderabad today allegedly demanding state government to send them back to their native places. pic.twitter.com/EIgeaqSWxy
— ANI (@ANI) May 3, 2020
हरियाणा की सरकार भी आने वाले संकट को समझ गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि उद्योग शुरू हो गए हैं, जो नहीं खुले हैं वो भी कल से शुरू हो जाएंगे, इसलिए मैं प्रवासी श्रमिकों से अनुरोध करता हूं कि आप अभी अपने घर न जाएं, आपको यहां कोई परेशानी नहीं आएगी। हम हर संभव मदद करेंगे।