New Delhi : AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर इसके जरिए लोगों का निजी डेटा हासिल करने का आरोप लगा दिया है। ओवैसी ने इस ऐप को संदेहास्पद बताया है। सरकार ने प्राइवेसी को लेकर लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि यह ऐप लोगों को आसपास कोई कोरोना संक्रमित मरीज होने पर अलर्ट करने के लिए सबसे अच्छा ऐप है।
ओवैसी ने ट्वीट किया – केंद्र सरकार कोरोना वायरस से ताली, थाली, बिजली और एक बहुत संदेहास्पद ऐप से लड़ रही है। अब दिल्ली के सुल्तान ने एक फरमान जारी किया है कि जिसमें लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्हें अपना प्राइवेट डेटा सरकार के साथ जरूर शेयर करना है।
The Central govt is fighting COVID-19 with taali, thaali, bijli & a very shady app. Now Delhi’s Sultans have issued a farmaan that people have no choice in the matter. They MUST share their private data with govt (& whoever the govt wants?). [1/2] https://t.co/F03MH8AXAm
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 1, 2020
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ओवैसी के बयान का जवाब देते हुए कहा कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों को ट्रैक और मैपिंग के लिए ऐप का इस्तेमाल हो रहा है। यदि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति नजदीक आता है तो यह ऐप लोगों को अलर्ट करता है। यह सबसे अच्छा वैज्ञानिक उपाय है। इसमें गोपनीयत संबंधी और सूचना एकत्रित करने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा – इसमें वास्तव में कोई सूचना नहीं है। यदि आपको कफ है, सर्दी है या टेस्ट पॉजिटिव आया है तो आपको सूचना देनी है। यह ऐप अगले एक दो साल तक रहेगा। लॉकडाउन जल्दी खत्म हो जाएगा, लेकिन जब तक हम कोरोना वायरस के खिलाफ जंग पूरी तरह जीत नहीं लेते यह ऐप रहेगा।
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप हर नागरिक को अपने मोबाइल में डाउनलोड करने को को कहा है। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लॉन्च किया गया है। यह यूजर्स को कोरोना वायरस संक्रमण जोखिम की गणना करने की सुविधा देता है। ब्लूटूथ टेक्नॉलजी, एल्गोरिदम्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर काम करने वाला यह ऐप यह भी बताया है कि आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति है या नहीं।