New Delhi : राजस्थान के कोटा में फंसे 1200 स्टूडेंट्स को स्पेशल ट्रेन के जरिये रांची रवाना किया गया है। सभी स्टूडेंट्स सबसे पहले रांची पहुंचेंगे और वहां पर सरकार के निर्धारित नियमों और मानदंडों का पालन करने के बाद ही अपने अपने घरों के लिये जायेंगे। रांची से सभी को बस से अपने अपने घर पहुंचाया जायेगा। यही नहीं लॉकडाउन में फंसे 1200 मजदूरों को लेकर तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन आज यानी शुक्रवार को रवाना हो गई। लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए यह किसी बड़े राहत से कम नहीं है।
Kota: Around 1200 stranded students to leave from here on a special train to Ranchi, Jharkhand, today. SP Kota Gaurav Yadav says, "We are ensuring that social distancing guidelines are followed. Today, only one train will depart from here today". #Rajasthan pic.twitter.com/JRg72FWfKj
— ANI (@ANI) May 1, 2020
रेलवे अधिकारी ने बताया कि स्पेशल ट्रेन के 24 डिब्बों में लगभग 1200 स्टूडेंट्स हैं। वैसे सरकार ने देशबंदी का दूसरा दौर 3 मई को खत्म होने से पहले ही इसे बढ़ाने का फैसला कर लिया है। 4 मई से देशभर में लॉकडाउन दो और हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए। ये आदेश आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत जारी हुए हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार सुबह देशभर के कोरोना जोन की स्थिति के बारे में बताया था। 130 जिले अभी भी रेड जोन में हैं, लेकिन 319 जिले ग्रीन जोन में हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि हवाई यात्रा, रेल, मेट्रो, इंटर स्टेट यात्राएं, स्कूल-कॉलेजों का संचालन, ट्रेनिंग, कोचिंग संस्थानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए अब केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकारें इसके लिए रेलवे बोर्ड से संपर्क करके प्लान तैयार कर लें। रेलवे ने लिंगमपल्ली से हटिया, नासिक से लखनऊ, अलूवा से भुब, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया तक 6 श्रमिक ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है।
ट्रेनों के संचालन के लिए गाइडलाइन : ट्रेनों से आवाजाही के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना जरूरी होगा। ट्रेनों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा और हर किसी की स्क्रीनिंग होगी। घर पहुंचाने के बाद भी इनकी मेडिकल जांच की जाएगी और 14 दिन क्वारैंटाइन में रखा जाएगा। स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले हर यात्री को अपना फेस जरूर कवर करना होगा। जिस स्टेशन से यात्रा शुरू की जाएगी, वहां की राज्य सरकार यात्रियों के लिए खाने और पानी की व्यवस्था करेगी। ट्रेनों का टिकट राज्य सरकार की ओर से नियुक्त किए गए नोडल अफसर को बल्क में दिया जाएगा। जिन लोगों को यात्रा के लिए चिह्नित किया जाएगा, उन्हें स्टेशन पर ही मास्क और सैनिटाइजर दिए जाएंगे। यात्री नॉनएसी कोचेज में यात्रा करेंगे, हर कोच के एक सेगमेंट में 6 यात्री रहेंगे, आमतौर पर यहां 8 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होती है।
A one-off special train was run earlier today from Lingampalli (Hyderabad) to Hatia (Jharkhand) on request of the Telangana Government & as per the directions of Union Railway Ministry. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/vVsN6hN4Vx
— ANI (@ANI) May 1, 2020
इससे पहले कल ही गृह मंत्रालय ने इनकी घर वापसी के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी, जिनमें कई तरह की छूट दी गई थी। प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बसों से उनके घरों तक पहुंचाये जाने में आ रही दिक्कतों को देखने के बाद ट्रेनें चलाने का निर्णय हुआ है। पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, तेलंगाना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग की थी। मुख्यमंत्रियों ने कहा कि संक्रमण फैलने के डर से लाखों लोगों को बसों में लेकर आना मुश्किल है। इसमें काफी वक्त भी लग रहा है और यह केवल कम दूरी के लिए कारगर है।
MHA has today allowed movement of stranded students, migrant workers, tourists, pilgrims, etc. via rail as well. States and Railway Board will make necessary arrangements: Punya Salila Srivastava, Joint Secretary, Ministry of Home Affairs (MHA)
— ANI (@ANI) May 1, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक की। इसमें फंसे हुए लोगों को घर तक पहुंचाने की समस्या का हल निकालने को कहा। गृह मंत्रालय ने इस मामले पर फैसला ले लिया। रेल मंत्रालय ने इस संबंध में एक योजना बनाई है। इस योजना के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच प्वाइंट टू प्वाइंट ट्रेन संचालन होगा।
गृह मंत्रालय ने पहले बसों से इनकी वापसी सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया था। अब ट्रेन के जरिये भी देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुये लोगों की आवाजाही के लिए निर्देश दिया है। राज्य सरकारें और रेल मंत्रालय ये आवाजाही सुनिश्चित करेंगे। रेलवे ने कहा है कि जिस राज्य से मजदूर घर के लिए रवाना होंगे, वहां की सरकार को उनकी जांच करनी होगी। एसिंप्टोमेटिक को ही यात्रा की इजाजत होगी। राज्य को मजदूरों को समूह में स्टेशन तक सैनिटाइज किये हुए बसों में लाना होगा।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों को अपने गृह राज्यों में जाने की अनुमति दे दी है। हालांकि तय नियम-कायदों के तहत ही इन लोगों को बसों के जरिये एक राज्य से दूसरे राज्य भेजे जाने को कहा गया था।