New Delhi : केंद्र की PM Narendra Modi की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। देश के अलग अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, कामगारों, स्टूडेंट्स, टूरिस्ट और तीर्थयात्री अब चाहे देश के किसी भी कोने में फंसे हो वापस अपने घर जा सकते हैं। सरकार ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की ओर से उठ रहे लगातार सवालों के बाद यह फैसला लिया है। खासकर इन तीनों राज्य पर काफी दबाव बन गया था उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बोल्ड फैसलों की वजह से। योगी सरकार कोटा से 10000 छात्रों को बस से ले आई और अब मजदूरों को भी लाना शुरू कर दिया था। बिहार के मुख्यमंत्री पर जब पब्लिक दबाव बढ़ा तो उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन का उल्लंघन है। फिर प्रधानमंत्री के साथ सोमवार की मीटिंग में यह मसला बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की ओर उठाया गया।
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान राज्य से बाहर फँसे छात्रों, मजदूरों और पर्यटकों को घर लौटने की अनुमति दे दी।
बिहार इसके लिए लगातार मांग कर रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर जोर दिया था।
केंद्र की…….. pic.twitter.com/It1amYrzrb— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 29, 2020
बहरहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, विद्यार्थियों आदि की आवाजाही की अनुमति दे दी है। सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करेंगे। अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस ला पायेगा और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहां भेज पायेगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले पर भाजपा के वरिष्ठतम नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने प्रधानमंत्री का अभार प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमलोग इसकी मांग कर रहे थे और पीएम के साथ मीटिंग में सीएम नीतीश कुमार ने यह मसला उठाया था। प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों को बड़ी राहत दी है। पूरे बिहार की लोगों की ओर से उनको धन्यवाद। पूरा बिहार उनका आभार प्रकट करता है। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा – बिहार प्रधानमंत्री का आभारी है। हाल ही में हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन के बीच घर से दूर फंसे प्रवासी मजदूरों के सुरक्षित घर वापसी का सुझाव दिया था। बिहार अपने मूल निवासियों का दिल से स्वागत करता है।
1/2#Bihar is thankful to @PMOIndia and centre for heeding to @NitishKumar ji's suggestion in last video conference of facilitating safe travel passage for people stranded away from their homes due to #lockdownindia.
Bihar heartily welcomes it's natives back #home.@AmitShah https://t.co/6ZXMC87NtZ— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) April 29, 2020
1/2#Bihar is thankful to @PMOIndia and centre for heeding to @NitishKumar ji's suggestion in last video conference of facilitating safe travel passage for people stranded away from their homes due to #lockdownindia.
Bihar heartily welcomes it's natives back #home.@AmitShah https://t.co/6ZXMC87NtZ— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) April 29, 2020
इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केन्द्र सरकार से यह मांग की थी कि जो प्रवासी मजदूर वहां पर फंसे हुए हैं उनके लिए केन्द्र सरकार उनके घर जाने की व्यवस्था करे और ट्रेन की सुवधा दे। सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्य को नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा गया है जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करायेंगे। राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का ब्यौरा भी रखना होगा। अगर फंसे हुए समूह में लोग एक राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश जाना चाहते हैं तो भेजने वाले और जिस राज्य में वह समूह जा रहा है दोनों राज्य एक दूसरे की आपसी सहमति के साथ सड़क के जरिए भेज सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग करने और अगर वह पूरी तरह ठीक पाया जाये तो ही उसे भेजने की मंजूरी देने को कहा गया है।
प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जा सकेगा। भेजने से पहले बस सेनेटाइज कराया जाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं यात्रा के समय भी सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य होगा। जब कोई शख्स अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की यह जिम्मेदारी है कि उसे होम क्वारैंटाइन में रखे। इस दौरान उसके हेल्थ चेकअप किया जाये। उस व्यक्ति को अरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने के उत्साहित किया जाये ताकि उसके हेल्थ स्टेटस पर नजर बनाई रखे जा सके और साथ ही उसे ट्रैक किया जा सके।