New Delhi : केदारनाथ मंदिर चारधाम यात्रा से पहले यह दूसरा मौका है बाबा केदार की डोली को आधे से ज्यादा रास्ते गाड़ी में लाया गया है। चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव केदारनाथ मंदिर के कपाट बुधवार सुबह खुल गये हैं। मंदिर को 5 क्विंटल फूलों से सजा दिया गया। 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर कपाट खुल गये। केदारनाथ के कपाट खुलते वक्त मंदिर के रावल भीमाशंकर वहां मौजूद नहीं थे। मुख्य पुजारी शिवशंकर ने ही ऊखीमठ में पूजा की थी और कपाट खुलते वक्त भी उन्होने ही परंपरा पूरी की। केदारनाथ के रावल गिरी हैं, वे 19 अप्रैल के बाद से ऊखीमठ में क्वारैंटाइन में हैं। वे 3 तारीख के बाद ही केदारनाथ जायेंगे।
यह पहली बार नहीं है, जब रावल की अनुपस्थिति में कपाट खुले हैं। केदारनाथ में रावल गुरु स्थान में होते हैं, वे खुद पूजा नहीं करते, इसलिए पहले भी कुछ मौकों पर रावल की अनुपस्थिति में कपाट खुले हैं। पूजा का जिम्मा रावल के अधीन आने वाले लिंगायत ब्राह्मणों का होता है। वही पुजारी होते हैं। पुजारी के अलावा चार वेदपाठी होते हैं, जो स्थानीय लोग होते हैं। साथ में हकहकूकधारी भी होते हैं, जो कपाट खुलने के समय मौजूद रहते हैं। इनके अलावा मंदिर के कर्मचारी होते हैं। ये सभी लोग वहां मौजूद थे।
यह मंदिर केदारनाथ का है। कोरोना के कारण सभी मंदिरों के कार्यक्रमों पर असर पड़ा है। भगवान बद्रीनाथ के कपाट पहले 30 तारीख को खुलने थे, जिसे अब बदलकर 15 मई कर दिया गया है। एक दिन पहले ही पांच भक्त बाबा केदारनाथ की डोली लेकर केदारधाम पहुंच गये। यह दूसरा मौका है जब डोली को आधे से ज्यादा रास्ते गाड़ी में लाया गया है। इससे पहले देश में इमरजेंसी के वक्त ऐसा किया गया था।
कोरोना की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। यात्रा होगी या नहीं, इस पर फैसला अब तक नहीं हो सका है। कपाट खुलने की तारीख को लेकर भी विवाद हुआ था और सरकार ने इसे आगे बढ़ाने को कहा था। लेकिन रावल और हकहकूकधारियों की एक बैठक में पहले से तय तारीख पर ही पट खोलने का फैसला लिया गया। वहीं, बद्रीनाथ के कपाट पहले 30 तारीख को खुलने थे, जिसे अब बदलकर 15 मई कर दिया गया है।